बहुजन समाज पार्टी की मुखिया और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी हित से ऊपर उठकर समाज और देशहित में काम किया.
लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर वाजपेयी स्वस्थ्य रहते तो बीजेपी शायद कभी भी इतनी जनविरोधी, संकीर्ण, संकुचित, अहंकारी और विद्वेषपूर्ण नीति वाली पार्टी न होती, जितनी आज हर तरफ से नजर आती है.
‘अटल जी को हमेशा याद किया जाएगा’
मायावती ने बयान जारी कर पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा, "अटल जी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. देश के सांसद, केंद्रीय मंत्री और फिर प्रधानमंत्री के रूप में उनके अमूल्य योगदान को लोग लगातार याद करते रहे हैं और आगे भी याद करते रहेंगे." उन्होंने कहा कि कवि मन वाले अटल जी के सार्वजनिक जीवन में किए गए योगदान को हमेशा ही याद किया जाता रहेगा.
मायावती ने कहा कि वाजपेयी देश के एक ऐसे नेता थे, जो भारतीय जनसंघ और बाद में इसके नए अवतार बीजेपी में रहने के बावजूद व्यापक स्तर पर सम्मान की नजर से देखे गए. उनके कार्यकाल खासकर पड़ोसी देश पाकिस्तान और कश्मीर संबंधी नीतियों को लोगों ने लगातार याद किया.
(इनपुट: IANS)
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