मोदी 2.0 सरकार अपना पहला बजट पेश करने की तैयारी कर रही है और ऐसे में सोमवार से वित्त मंत्रालय में ‘क्वैरंटाइन’ लागू हो गया है, जिसके तहत बजट बनाने में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों पर बाहरी लोगों से संपर्क पर पाबंदी लगा दी गई है. ये पाबंदी पांच जुलाई को बजट पेश होने तक लागू रहेगी. इस दौरान मीडिया को भी वित्त मंत्रालय में जाने की इजाजत नहीं होगी.
लोकसभा चुनावों से पहले एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया गया था. उसमें सरकार को सीमित अवधि के लिए खर्चों की राशि मंजूर की गई थी.
नई सरकार सत्ता संभाल चुकी है. नई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ऐसे समय में पूर्ण बजट पेश करने जा रही हैं, जब आर्थिक वृद्धि दर सुस्त पड़कर पांच साल के निचले स्तर पर आ गई है.
कौन-कौन होगा बजट का हिस्सा?
सीतारमण की बजट टीम में वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन भी शामिल हैं. आधिकारिक टीम की अगुवाई वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग कर रहे हैं. इस टीम में व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, दीपम (DIPPAM) के सचिव अतनु चक्रवर्ती और वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार शामिल हैं.
बजट के लिए खास सुरक्षा व्यवस्था
पूरी बजट प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए नॉर्थ ब्लॉक में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू की जाएगी. निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए जाएंगे और मंत्रालय में ज्यादातर कंप्यूटरों पर ई-मेल की सेवा ब्लॉक रहेगी.
क्वैरनटाइन की अवधि के दौरान मंत्रालय में प्रवेश या बाहर निकलने के सभी रास्तों पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे. दिल्ली पुलिस के सहयोग से खुफिया ब्यूरो (IB) के लोग बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों के कमरों में जाने वाले लोगों पर निगाह रखेंगे.
नए वित्त मंत्री के पास बड़ी चुनौतियां
अपने पहले बजट में सीतारमण को अर्थव्यवस्था में सुस्ती, वित्तीय क्षेत्र के संकट मसलन बढ़ते डूबे कर्ज और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) में नकदी के संकट, रोजगार सृजन, निजी निवेश, निर्यात में सुधार, कृषि क्षेत्र के संकट और सार्वजनिक निवेश बढ़ाने के उपायों पर ध्यान देना होगा. नई 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से 26 जुलाई तक चलेगा.
आर्थिक समीक्षा 2019-20 चार जुलाई को पेश की जाएगी और अगले दिन बजट पेश होगा.
(PTI के इनपुट्स के साथ)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)