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हमारे दो,आपके जितने भी हों? आबादी पर बिल और केंद्र,UP के मंत्री खुद बढ़ाते आबादी

जनसंख्या नियंत्रण बिल- मोदी कैबिनेट के एक तिहाई और योगी कैबिनेट के 23 में से 10 मंत्रियों के दो से ज्यादा बच्चे

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भारत
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19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इसमें राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों की तरफ से पेश किए गए जनसंख्या नियंत्रण कानून(Population Control Act) के प्राइवेट मेंबर बिल पर चर्चा प्रस्तावित है. यूपी में हाल ही में जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा पेश किया गया है. असम में भी 2 साल पहले बने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर अब अमल की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

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इसके बाद से देश भर में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर केंद्रीय कानून बनाने की मांग जोर पकड़ रही है. बीजेपी के कुछ सांसदों ने लोकसभा में भी प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने का ऐलान किया है. इन सभी में दो से ज्यादा बच्चे वालों के चुनाव लड़ने पर रोक के साथ साथ सरकारी नौकरियों नौकरी देने में पाबंदी लगाने की बात कही जा रही है.

यूपी से हुई बहस की शुरुआत

जनसंख्या नियंत्रण पर कानून बनाने के मसले पर उत्तर प्रदेश से बहस की शुरुआत हुई है. जनसंख्या दिवस से ठीक पहले राज्य के विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का मसौदा पेश करके उस पर जनता से राय मांगी. इसमें 2 से ज्यादा बच्चे वालों को सरकारी नौकरी से वंचित करने के साथ ही उनके स्थानीय निकायों और जिला पंचायतों के चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है.

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उसके बाद यह सवाल उठा कि सिर्फ़ स्थानीय स्तर पर चुनाव लड़ने की पाबंदी क्यों हो. लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ने पर पाबंदी क्यों नहीं होनी चाहिए. यूपी में बीजेपी विधायकों और मंत्रियों के 2 से ज्यादा बच्चों का दिलचस्प आंकड़ा सामने आया.

दैनिक भास्कर में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी में जिस मसौदे को कानून का रूप दिया जाना है उस पर फैसला करने वाले योगी के 23 कैबिनेट मंत्रियों में से 10 के 2 से ज्यादा बच्चे हैं. जबकि बीजेपी के 152 विधायकों के 2 से ज्यादा बच्चे हैं. कई विधायकों के 6-8 तक बच्चें हैं. मोदी कैबिनेट यूपी से शामिल पांच मंत्रियों के दो से ज्यादा बच्चे हैं.

ध्रुवीकरण का नया हथियार

दरअसल यूपी का प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण क़ानून चुनाव जीतने के लिए बीजेपी का ध्रुवीकरण कराने का नया हथियार है. लेकिन बीजेपी अपने ही जाल में फंसती नजर आने लगी है. लोग सवाल पूछ रहे हैं कि अगर 2 से ज्यादा बच्चों वालों के सरकारी नौकरी से वंचित करने का प्रावधान किया जा रहा है तो फिर 2 बच्चों वालों को नौकरी की गारंटी का प्रावधान क्यों नहीं लाया जा रहा?

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यूपी से पहले 8 और राज्यों में भी इसी तरह के कानून हैं. कहीं 10 साल से तो कहीं 20 साल से. लेकिन वहां कभी इतना शोर नहीं मचा. जाहिर है बीजेपी का मकसद 6 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराना है. केंद्रीय स्तर पर कानून बनाने की मांग भी ध्रुवीकरण को ही आगे बढ़ाने के लिए की जा रही है.

हैरानी की बात तो यह है कि खुद के तीन बच्चों वाले गोरखपुर से बीजेपी सांसद रवि किशन ने भी लोकसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने की बात कही है. मोदी कैबिनेट में सबसे ज्यादा पांच बच्चों वाले भानु प्रताप सिंह वर्मा उत्तर प्रदेश से ही आते हैं.

मोदी के एक तिहाई मंत्रियों के दो से ज्यादा बच्चे

आपको जानकर हैरानी होगी कि हाल ही में फेरबदल और विस्तार के बाद बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई मंत्रिपरिषद के लगभग एक तिहाई मंत्रियों के दो से ज्यादा बच्चे हैं. एक मंत्री के तो पांच बेटे हैं. कई मंत्रियों के चार और कईयों के तीन बच्चे हैं. जाहिर है कि अगर जनसंख्या नियंत्रण पर केंद्रीय कानून बनता है तो मोदी सरकार के एक तिहाई मंत्री अगला चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ना लोकसभा का और ना ही राज्यसभा का.

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हालांकि सुप्रीम कोर्ट में जनसंख्या नियंत्रण पर केंद्रीय कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के जवाब में केंद्र की तरफ़ से हलफ़नामा दाख़िल करके कहा गया है कि यह राज्य का विषय है. इस पर केंद्रीय कानून बनाने का सरकार का कोई इरादा नहीं है.

कितने मंत्रियों के कितने बच्चे

पीएम मोदी के मंत्री परिषद में उन्हें मिलाकर कुल 78 मंत्री हैं। इनमें से 26 के 2 से ज्यादा बच्चे हैं. लोकसभा और राज्यसभा की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक़ 30 कैबिनेट मंत्रियों में से 8 और 45 राज्य मंत्रियों मेंं से 18 के दो से ज्यादा बच्चे हैं.

स्वतंत्र प्रभार वाले दोनों राज्य मंत्रियों के दो-दो बच्चे हैं. एक कैबिनेट मंत्री के चार बच्चे हैं जबकि 7 के तीन-तीन बच्चे हैं. वहीं एक राज्यमंत्री के 5 बच्चे हैं, 4 राज्यमंत्रियों के चार-चार बच्चे और 13 के तीन-तीन बच्चे हैं. वहीं 4 कैबिनेट और 6 राज्यमंत्रियों के सिर्फ एक ही बच्चा है. इनमें से तीन कैबिनेट और एक राज्य मंत्री के सिर्फ एक बेटी है. जबकि 3 कैबिनेट मंत्री और दो राज्य मंत्रियों के सिर्फ 2 बेटियां ही हैं.
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एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री के तीन-तीन बेटियां हैं. पांच मंत्रियों ने शादी नहीं की है. एक के कोई बच्चा नहीं है. जबकि एक मंत्री के बच्चों के बारे में तस्वीर साफ नहीं है क्योंकि उन्होंने अपनेेे प्रोफाइल मेंं बच्चों की जानकारी नहींं दी है. मोदी मंत्री परिषद के एकमात्र मुस्लिम मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी केे सिर्फ़ एक ही बेटा है.

किन मंत्रियों के हैं दो से ज्यादा बच्चे?

  • दो से ज्यादा बच्चे वाले कैबिनेट मंत्रियों मैं सबसे ऊपर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार का नाम आता है. उनके चार बच्चे हैं तीन बेटे एक बेटी.

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के तीन बच्चे हैं दो बेटे एक बेटी।

  • विदेश मंत्री एस जयशंकर के डी तीन बच्चे हैं. दो बेटे और एक बेटी

  • सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के भी तीन बच्चे हैं। दो बेटे और एक बेटी।

  • कानून मंत्री किरण रिजिजू के तीन बच्चे हैं। दो बेटे और एक बेटियां।

  • कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बी तीन बच्चे हैं एक बेटा और दो बेटियां।

  • जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के भी तीन बच्चे हैं। एक बेटा और दो बेटी।

  • अनुसूचित जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा के तीन बच्चे हैं। तीनों बेटियां हैं।

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चार-पांच बच्चों वाले राज्य मंत्री

मोदी की मंत्री परिषद में एक मंत्री के 5 और 6 के चार-चार बच्चे हैं. आइए मंत्रियों और उनके बच्चों पर नजर डालते हैं:

  • लघु और मध्यम उद्योग मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा के 5 बेटे हैं.

  • स्टील राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते के 4 बच्चे हैं. एक बेटा और तीन बेटियां.

  • संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल के भी 4 बच्चे हैं. दो बेटे और दो बेटियां.

  • रेल राज्य मंत्री डीएस डडराव के 4 बच्चे हैं. एक बेटा और तीन बेटियां.

  • रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट के चार बच्चे हैं. एक बेटा और तीन बेटियां.

  • अनुसूचित जनजाति मामलों की राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता के चार बच्चे हैं. दो बेटे और दो बेटियां.

  • शहरी विकास राज्यमंत्री कौशल किशोर के चार बच्चे हैं. चारों बेटे हैं.

तीन-तीन बच्चों वाले 11 राज्य मंत्री

  • शिपिंग राज्यमंत्री श्रीपद येसो नायक और वित्त राज्य मंत्री भगवंत किशन राव कराड के तीन बच्चे हैं. तीनों बेटे हैं.

  • सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री ए. नारायणसामी के तीन बच्चे हैं तीनों बेटियां हैं.

  • जल शक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद, पटेल पूर्वोत्तर राज्यों के विकास मंत्री बीएल वर्मा, न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मंत्री भगवंत खुबा, अनुसूचित जनजाति राज्यमंत्री बिश्वेश्वर टुडो और फिशरी मंत्री एल मुरुगन के 3 बच्चों में दो बेटियां और एक बेटा है.

  • शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी और गृह राज्य मंत्री अजय सिंह के तीन बच्चों में दो बेटे और एक बेटी है.

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पुरानी मंत्री परिषद का हाल

2019 में दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर मोदी ने 56 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी. तब उनकी मंत्रिपरिषद के 57 में से 19 यानी पूरे एक तिहाई मंत्रियों के 2 से ज्यादा बच्चे थे. इनमें से कुछ का देहांत हो चुका है और कुछ मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे चुके है. दिवंगत हो चुके पूर्व खाद्य मंत्री रामविलास पासवान के चार बच्चे हैं. एक बेटा और तीन बेटियां. ये चारों बच्चे उनकी दूसरी पत्नी से हैं.

मंत्री परिषद के फेरबदल में हटाए गए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के भी तीन बच्चे हैं. दो बेटे और एक बेटी. वहीं पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के तीन बेटियां हैं. मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रहीं अकाली दल की हरसिमरत कौर के भी तीन बच्चे हैं.
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इस विशेषण से साफ हो जाता है कि अगर मोदी सरकार दो बच्चों का कानून लाती है तो उसके एक तिहाई मंत्री अगला चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. संघ परिवार मोदी सरकार पर पिछले कई साल से जनसंख्याया नियंत्र के लिए कानून बनाने का दबाव डाल रहा है. इसके लिए कई सांसदोंं से इसके लिए कई सांसदों से लोकसभा और राज्यसभा मेंं प्राइवेट मेंबर बिल भी पेश कराए गए हैं.

कई लोगोंं से सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी दाख़िल दाखिल कराई गई है. सरकार सुप्रीम कोर्ट केंद्रीय कानून लाने से साफ इनकार कर चुकी है. लिहाजा फिलहाल इसकी दूर-दूर तक कोई संभावना नहींं दिखती. फिर भी अगर संसद और संसद के बाहर जनसंख्या नियंत्रण कानून के नाम पर ध्रुवीकरण का माहौल बनाया जा रहा है. इस पर यही कहा जा सकता है कि 'दिल को खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है.'

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