देशभर के कई राज्यों में 1 सितंबर से ट्रैफिक के नए नियमों के तहत हजारों चालान हुए. मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अब ट्रैफिक नियमों को और भी सख्त कर दिया गया है साथ ही जुर्माने भी 10 गुना तक बढ़ा दिए गए हैं. कुछ राज्यों ने इस एक्ट के लागू होते ही जमकर चालान काटे, लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी रहे जहां मोटर व्हीकल एक्ट फिलहाल लागू नहीं हुआ. वहीं पहले दिन सॉफ्टवेयर अपडेट को लेकर भी कई जगह परेशानी झेलनी पड़ी.
दिल्ली में हुए 3900 चालान
नए मोटर व्हीकल एक्ट के लागू होने के बाद राजधानी दिल्ली में लोग संभलकर चलते दिखे. पहले दिन यानी 1 सितंबर को दिल्ली में 3900 चालान किए गए. दिल्ली में रोजाना औसतन 10 हजार से भी ज्यादा चालान होते हैं. लेकिन नए और कड़े नियमों का असर दिल्ली में साफ नजर आया. हजारों रुपये के चालान से बचने के लिए दिल्ली के लोगों ने ट्रैफिक रूल्स का पालन किया.
सॉफ्टवेयर अपडेट बना परेशानी
1 सितंबरम से नया ट्रैफिक रूल और चालान को लेकर पहले से ही प्रशासन को जानकारी थी. लेकिन इसके बावजूद कई जगहों पर सॉफ्टवेयर ही अपडेट नहीं हुआ. जिसका नतीजा ये रहा कि पुलिस को पुराने नियमों के हिसाब से ही चालान काटने पड़े. देश के कई राज्यों में इस तरह की परेशानी सामने आई.
उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में पुलिस का सर्वर अपडेट होने में थोड़ी देर हो गई. वहीं हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे इलाकों में भी ट्रैफिक पुलिस कन्फ्यूज नजर आई. यहां मशीनें अपडेट नहीं होने के चलते पुरानी दरों पर ही चालान कटते रहे.
उधर झारखंड सहित कुछ अन्य राज्यों से भी ऐसी ही खबरें सामने आईं. पहले दिन ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी नए नियमों की एबीसीडी समझने में उलझे रहे. वहीं तकनीकी दिक्कतों का भी खूब सामना करना पड़ा.
इन राज्यों में लागू नहीं हुए नियम
अब जहां कई राज्यों में सॉफ्टवेयर अपडेट के चलते चालान नहीं हुए, वहीं कुछ राज्य ऐसे भी थे जहां ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों को ज्यादा परेशानी नहीं उठानी पड़ी. क्योंकि इन राज्यों ने फिलहाल मोटर व्हीकल एक्ट को लागू करने के इनकार कर दिया है. इन राज्यों में सबसे पहले नंबर आता है मध्य प्रदेश का. जहां की कमलनाथ सरकार ने कहा है कि कुछ संशोधनों के बाद ही वो इस एक्ट को लागू करेंगे. सरकार का दावा कि वो लोगों के हितों का खयाल रख रही है और जुर्माना काफी ज्यादा है. वहीं राजस्थान सरकार ने भी मोदी सरकार के इस कानून को लागू करने से इनकार कर दिया. यहां भी पहले की ही तरह चालान काटे गए. गहलोत सरकार ने भी जुर्माना राशि की समीक्षा करने की बात कही है.
ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में भी मोटर व्हीकल एक्ट को फिलहाल हरी झंडी नहीं मिली है. ममता बनर्जी पहले ही केंद्र सरकार की कुछ योजनाओं का रास्ता रोक चुकी हैं. लोकसभा चुनावों के बाद से ही ममता और मोदी सरकार के बीच 36 का आंकड़ा है. ऐसे में इस एक्ट के बंगाल में लागू होने में वक्त लग सकता है.
इन राज्यों के अलावा बीजेपी शासित कुछ राज्यों में भी अभी पुरानी दरों पर ही चालान काटे जाएंगे. हिमाचल प्रदेश में सरकार ने फिलहाल इस एक्ट को लागू नहीं किया है. सरकार का कहना है कि इस एक्ट को लेकर कई तरह के सवाल आए हैं. इन सभी पर विचार करने के बाद ही इसे लागू किया जाएगा. वहीं उत्तराखंड में भी फिलहाल पुरानी दरों पर ही चालान काटे गए. हालांकि यहां मोटर व्हीकल एक्ट को लागू कर दिया गया है. कुछ ही दिनों में इसके तहत चालान होंगे.
ट्रैफिक रूल तोड़ने पर ये होगी सजा
- शराब पीकर गाड़ी चलाते समय पहली बार पकड़े जाने पर 6 माह की जेल या 10 हजार रुपए का जुर्माना
- ओवरलोडिंग पर दस हजार रुपए जुर्माना या फिर 6 माह की जेल दूसरी बार 15 हजार का जुर्माना 2 साल की जेल
- ट्रैफिक लाइन तोड़ने, फोन पर बात करके गाड़ी चलाने पर 5 हजार का जुर्माना 6 से 12 माह की जेल
- बगैर हेलमेट के गाड़ी चलाने पर एक हजार का जुर्माना, तीन महीने तक के लिए लाइसेंस होगा सस्पेंड
- ओवर स्पीडिंग पर पांच हजार रुपये तक जुर्माना, तीन महीने जेल
- इमरजेंसी गाड़ी को जगह न देने पर 10 हजार का जुर्माना
- बगैर इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर 2 हजार रुपये जुर्माना
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