मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल में एक आदिवासी व्यक्ति को दबंगों ने बुरी तरह पीटा है. पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया है कि उसे न सिर्फ पीटा गया बल्कि उसके उसपर पेशाब भी किया है. कथित तौर पर सरकारी जमीन पर किए जा रहे कब्जे को रोकने पर हुई मारपीट में शामिल आरोपियों में खुद को बीजेपी नेता बताने वाला शेरू मीना भी शामिल है. पुलिस ने FIR दर्ज कर सभी 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है.
मारपीट, जातिसूचक गलियां, पेशाब करने का आरोप
पीड़ित ने क्विंट हिंदी से बातचीत में बताया कि, "मैं गांव का चौकीदार/कोटवार हूं और पटवारी के कहने पर शेरू मीना और उनके साथियों द्वारा किए जा रहे सरकारी जमीन पर फेंसिंग को रोकने के लिए गया था. स्थल पर पहुंच कर जब मैंने उन्हें सरकारी जमीन पर कब्जा करने से मना किया तो आरोपियों ने मेरे साथ जातिसूचक गलियों के साथ मारपीट कर दी. मुझे बहुत मारा, मैं लगभग अचेत हो गया था इसके बाद वो मुझे अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी में डालकर गांव के समीप नाले के पास ले गए और वहां फिर मारपीट की."
पीड़ित ने आगे बताया, "मैं बेहोश होने लगा तो शेरू मीना ने मुझ पर पेशाब कर दिया. इसके बाद वो लोग मुझे सज्जू मियां की वेन्यू गाड़ी में जबरदस्ती डालकर शेरू के संजीव नगर वाले घर ले गए जहां फिर मारपीट की. मुझे जब दोबारा होश आया तो गांव के अन्य सदस्य वहां मौजूद थे और मुझे वो लोग समझा बुझाके अस्पताल लेकर गए. मेरा पैर टूट गया है, मेरे कान का पर्दा भी फट गया है, मेरे साथ बहुत मारपीट की गई, आप ही बताइए मेरी गलती क्या थी ?"
FIR में क्या लिखा है?
पीड़ित की तहरीर पर लिखी गयी FIR के अनुसार आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता/ IPC की धारा 294, 323, 365 342, 34 एवं SC-ST एक्ट की धारा 3(1)(e) और 3(2)(va) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मामले में आरोपी- शेरू मीना, अभिषेक मीना, तुषार मीना, लेखराज मीना, सज्जू मिया, दिपांशु मीना और परवेज खान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.
"पेशाब करने का कोई भी सबूत नहीं मिला"- पुलिस
भोपाल ग्रामीण पुलिस के एडिशनल एसपी नीरज चौरसिया ने उक्त मामले में पेशाब कांड जैसी घटना होने से इनकार किया है. पुलिस का कहना है कि अब तक हुई जांच में पीड़ित दलित कोटवार के ऊपर आरोपियों द्वारा पेशाब करने के कोई भी सबूत पुलिस को नहीं मिले हैं.
(इनपुट- अब्दुल वसीम अंसारी)
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