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"गांव के पंडित हैं, उन्हें रिहा करें": पेशाब कांड के पीड़ित ने आरोपी को किया माफ

MP Urination Case: आरोपी प्रवेश शुक्ला के खिलाफ NSA के तहत भी कार्रवाई शुरू की गई है और वो फिलहाल जेल में बंद है

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीधी (Sidhi) जिले में पेशाब करने की घटना के पीड़ित दशमत रावत ने राज्य सरकार से इस घटना में शामिल आरोपी को रिहा करने का आग्रह करते हुए कहा है कि आरोपी को अपनी गलती का एहसास हो गया है. पुलिस ने आदिवासी समुदाय से आने वाले पीड़ित दशमत रावत पर पेशाब करने के आरोपी प्रवेश शुक्ला को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया था. घटना का एक वीडियो मंगलवार, 4 जुलाई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गया जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया.

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जानिए पूरा मामला

मामला मध्य प्रदेश के सीधी जिले का है जिसमें एक वीडियो मंगलवार 4 जुलाई से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहा है. वीडियो में एक व्यक्ति नशे में धुत दिखाई पड़ता है और वो एक दूसरे व्यक्ति पर पेशाब कर रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी आदिवासी विरोधी है. घटना के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सख्त कार्रवाई की जाएगी.

आरोपी पर कार्रवाई, पीड़ित ने मांगी रिहाई

IPC और SC/ST (अत्याचार निवारण) एक्ट के तहत उपयुक्त आरोपों का सामना करने के अलावा आरोपी के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत भी कार्रवाई शुरू की गई है. प्रवेश शुक्ला वर्तमान में जेल में बंद है. सीधी में प्रवेश शुक्ला के घर का एक कथित अवैध हिस्सा भी ध्वस्त कर दिया गया.

दशमत रावत ने शुक्रवार को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में पत्रकारों के साथ हुई एक बातचीत के दौरान कहा

"सरकार से मेरी मांग है कि आरोपी द्वारा गलती हो गई है…अब प्रवेश शुक्ला को रिहा किया जाना चाहिए. अतीत में जो कुछ भी हुआ उसे अपनी गलती का एहसास हो गया है."

जब उसे बताया गया कि वह आरोपी की अपमानजनक हरकत के बावजूद यह मांग कर रहा है, तो पीड़ित ने कहा, "हां, मैं सहमत हूं... वह हमारे गांव का पंडित है, हम सरकार से उसे रिहा करने की मांग करते हैं."

दशमत रावत ने यह भी कहा कि गांव में सड़क निर्माण के अलावा उनके पास सरकार से मांगने के लिए और कुछ नहीं है.

बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल में सीएम आवास पर पीड़ित के पैर धोए और इस अपमानजनक घटना पर उनसे माफी भी मांगी. लेकिन विपक्षी दल ने चौहान के इस कदम को केवल एक नाटक करार दिया.

राज्य सरकार ने पीड़ित को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी मंजूर की और उसके घर के निर्माण के लिए 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि प्रदान की.

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