मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर हमला बोला है. उन्होंने चिदंबरम परिवार पर इनकम टैक्स विभाग की ओर से की जा रही कार्रवाई की तुलना पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर हुई कार्रवाई से की है.
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की ओर से मुंबई हमलों में पाक आतंकियों के शामिल होने की बात को लेकर सीतारमण प्रेस काॅन्फ्रेंस कर रही थी. उन्होंने उस दौरान पी चिदंबरम को निशाने पर लेते हुए कहा- कांग्रेस के लिए ये एकदम 'नवाज शरीफ वाले पल' हैं. पाक पीएम नवाज शरीफ की तरह पी. चिदंबरम की भी विदेशों में संपत्ति है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि संपत्तियों के खुलासे के लिए लोगों को समय दिया गया था. नियम के मुताबिक ऐसा करने वालों पर 120 फीसदी टैक्स और जुर्माना और दोष साबित होने पर जेल भेजा जाएगा.
वित्तीय मामले में अभी जमानत पर बाहर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को इस मामले में जरूर कुछ कहना चाहिए. उन्हें देश के लोगों को बताना चाहिए को वे अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता (चिदंबरम) के खिलाफ क्या जांच कर रहे हैं जिन्होंने विदेशों में जमा अपनी दौलत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.निर्मला सीतारमण
दूसरी ओर उन्होंने नवाज शरीफ के खुलासे को गंभीर करार देते हुए कहा- भारत 26/11 मुंबई हमलों को लेकर हमेशा अपने रुख पर कायम रहा है.
11 मई को एक पाकिस्तानी अखबार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने स्वीकार किया था कि मुंबई अटैक में पाकिस्तानी आतंकियों का ही हाथ था.
IT की चिदंबरम परिवार के खिलाफ कार्रवाई
निर्मला सीतारमण की ये टिपण्णी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (आईटी) की ओर से शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम के परिवार के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई से जुड़ी है. बता दें, आईटी ने चिदंबरम की पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति और बहू श्रीनिधि के खिलाफ ‘कालाधन अधिनियम' के तहत 4 चार्जशीट दाखिल की.
चार्जशीट कालाधन (अघोषित विदेशी आय और संपत्ति) की धारा 50 और टैक्स से जुड़े अधिनियम 2015 के तहत चेन्नई की में दाखिल की गई.
ये मामला विदेश में अपनी संपत्ति का खुलासा न करने को लेकर है. आरोप है कि चिदंबरम के परिवार ने ब्रिटेन के कैम्ब्रिज में 5.37 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति, इसी देश में 80 लाख रुपये की संपत्ति और अमेरिका में 3.28 करोड़ रुपये की संपत्ति की जानकारी आईटी को नहीं दी.
साथ ही, कालाधन कानून का उल्लंघन करते हुए ‘चेस ग्लोबल एडवाइजरी' का भी खुलासा नहीं किया, जिस कंपनी में कार्ति को-ओनर हैं. कालाधन के खिलाफ अपने अभियान के तहत 2015 में मोदी सरकार ने ये कानून लाया था. आयकर विभाग ने इस मामले में कार्ति और उनके परिवार के सदस्यों को हाल ही में नोटिस जारी किया था. नए कानून के तहत दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की कैद की सजा हो सकती है.
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