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फर्जी IPS और PRO बन होटलों में करते थे ऐश, एक गलती से पकड़े गए

गौतमबुद्ध नगर की थाना एक्सप्रेस वे पुलिस ने शुक्रवार को एक फर्जी आईपीएस और उसके पीआरओ को गिरफ्तार किया है

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भारत
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लंबी-चौड़ी कदकाठी. 35 से 40 साल की उम्र. खुद को सीधे गृह मंत्रालय की साइबर क्राइम ब्रांच में तैनात बताता IPS अफसर और साथ में जी-हुजूरी के जरिए इस दावे को और पुख्ता करने की कोशिश करता उसका पीआरओ. दोनों की बातों में फरेब ऐसा कि बड़े से बड़ा जानकार भी गच्चा खा जाए. जब दोनों चमचमाती कार से उतरते तो लोग आसानी से इनके फरेब का शिकार बन जाते. महंगे होटलों में रुकते और मुफ्त की रोटियां तोड़ते. इतना ही नहीं, जाने से पहले होटल संचालकों से कार का फ्यूल टैंक भी फुल करा लेते. ऐसे ही दो फर्जी अफसर गौतमबुद्ध पुलिस की सक्रियता के चलते कानून के शिकंजे में फंस गए हैं.

गौतमबुद्ध नगर की थाना एक्सप्रेस वे पुलिस ने शुक्रवार को एक फर्जी आईपीएस और उसके पीआरओ को गिरफ्तार किया है.

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खुद को गृह मंत्रालय दिल्ली की क्राइम ब्रांच का हेड बताता था

पुलिस के मुताबिक, अभियुक्त की पहचान आदित्य दीक्षित निवासी थाना सिकंदराराऊ जिला हाथरस के रूप में हुई है. आदित्य खुद को गृह मंत्रालय नई दिल्ली में साइबर क्राइम ब्रांच का हेड बता रहा था. इसके अलावा पुलिस ने एक और अभियुक्त अखिलेश यादव निवासी ग्राम शिवपुर थाना किशनी जिला इटावा बताया है. अखिलेश अपने आप को फर्जी आईपीएस का पीआरओ बता रहा था.

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कैसे खुली फर्जी आईपीएस अफसर की पोल?

पुलिस के मुताबिक, दोनों आरोपी थाना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में सेक्टर-126 स्थित होटल कृष्णा लिविंग में अपने आप को गृह मंत्रालय में साइबर क्राइम डिपार्टमेंट का अधिकारी बताकर 27-28 जून की रात ठहरे थे. दोनों होटल मैनेजर पर अपना रौब जमाकर मुफ्त में खाना खा रहे थे.

शुक्रवार को दोनों आरोपियों ने अपनी मारुति बलेनो गाड़ी का फ्यूल टैंक फुल कराने के लिए होटल स्टाफ पर दवाब बनाया और उनके साथ अभद्रता की. आरोपियों की हरकतें देखकर होटल मैनेजर को शक हुआ, तो उसने थाना एक्सप्रेसवे को इसकी जानकारी दी.

खबर मिलते ही थाना एक्सप्रेसवे पुलिस मौके पर पहुंच गई. दोनों जालसाजों से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो वे टूट गए. पुलिस के एसएचओ के सामने ही फर्जी अफसरों ने अपना गुनाह कूबल कर लिया.

आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी पुलिस अफसर बनकर होटलों में रुकते थे और मुफ्त में खाते-पीते थे.

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