पूरा भारत कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में है. ऐसे में अस्पतालों में मरीजों का दबाव लगातार बढ़ रहा है. इसके चलते अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और देशभर से ऑक्सीजन की कमी होने की खबरें सामने आ रही हैं.
मध्यप्रदेश के शहडोल में ऑक्सीजन की कमी से 6 लोगों की मौत की खबर रविवार सुबह मीडिया में नजर आई थीं. हालांकि अब मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने इसका खंडन किया है.
दूसरी तरफ महाराष्ट्र के ठाणे नगरनिगम क्षेत्र में ऑक्सीजन खत्म होने की संभावना के चलते कई मरीजों को आनन-फानन में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा.
दिल्ली में उपमुख्यमंत्री ने ट्वीट कर ऑक्सीजन की कमी के बारे में जानकारी देकर केंद्र सरकार से गुहार लगाई है. वहीं बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव की मानें, तो पटना के NMHC हॉस्पिटल के अधीक्षक ऑक्सीजन की उपलब्धता ना होने के चलते पद से हटना चाहते हैं.
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शहडोल: 'ऑक्सीजन की कमी से 6 लोगों की मौत की खबर', स्वास्थ्य-शिक्षा मंत्री का इंकार
इंडिया टुडे ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के शहडोल मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 6 लोगों की मौत हो गई. हालांकि अब जिलाधिकारी का बयान आया है, जिसमें उन्होंने "ऑक्सीजन की कमी से मौतों से इंकार किया है. उनका कहना है कि यह लोग पहले से ही गंभीर बीमारी से ग्रसित थे."
वहीं स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि मामले में जांच करवाई जाएगी. सारंग ने कहा कि अगर मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुई होतीं, तो दूसरे मरीजों पर भी असर पड़ता.
कमलनाथ ने शहडोल का जिक्र कर ऑक्सीजन की कमी की बात उठाते हुए लिखा, "अब शहडोल में ऑक्सीजन की कमी से मौतों की बेहद दुखद खबर है? भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, खंडवा, खरगोन में ऑक्सीजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी आखिर कब तक प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से यूं ही मौतें होती रहेगी? "
कमलनाथ ने आगे कहा, "शिवराज जी आप कब तक ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर झूठे आंकड़े परोसकर, झूठ बोलते रहेंगे, जनता रूपी भगवान रोज दम तोड़ रही है? प्रदेश भर की यही स्थिति है, अधिकांश जगह ऑक्सीजन का भीषण संकट है?"
महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की भयावह कमी
इस समय देश में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में आ रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग, राज्य की ऑक्सीजन उत्पादक क्षमता 1,250 मीट्रिक टन को पार कर चुकी है. यह लगातार बढ़ रही है.
महाराष्ट्र में करीब 60,000 लोग हॉस्पिटल में ऑक्सीजन पर हैं. वहीं कई लोग घरों में ऑक्सीजन पर हैं. ऑक्सीजन की कमी से बदलापुर के सिद्धिविनायक हॉस्पिटल ने नए मरीजों की भर्ती लेने से मना कर दिया है. बदलापुर, अंबरनाथ, उल्हासनगर, कल्याण और डोंबिवली में एस के एजेंसीज ऑक्सीजन की सप्लाई करती है. लेकिन हाल में एजेंसी मांग पूरी करने में नाकामयाब रही है. जिसके बाद कई मरीजों को आनन-फानन में दूसरे अस्पतालों में भर्ती करवाना पड़ा था.
दिल्ली सरकार की केंद्र से ऑक्सीजन कोटा बढ़ाने की मांग
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को ट्वीट कर दिल्ली में बढ़ती ऑक्सीजन मांग के बारे में जानकारी दी और केंद्र सरकार से सप्लाई बढ़ाने की गुहार लगाई.
उन्होंने ट्वीट में लिखा, "सामान्य से कहीं अधिक खपत के कारण दिल्ली के लिए आवंटित ऑक्सीजन की सप्लाई काफी कम पड़ रही है. कुछ अस्पतालों से सूचना मिल रही है कि उनके पास ऑक्सीजन का स्टॉक अब बहुत सीमित समय के लिए बचा है. दिल्ली सरकार ने भारत सरकार से दिल्ली के लिए ऑक्सीजन का कोटा तुरंत बढ़ाने की मांग की है."
ऑक्सीजन की कमी से NMCH के अधीक्षक ने इस्तीफे की पेशकश की: तेजस्वी
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने एक लेटर ट्वीट किया है. लेटर के बारे में तेजस्वी का दावा है कि यह NMCH अस्पताल, पटना के अधीक्षक ने लिखा है, जिसमें वे ऑक्सीजन की कमी को लेकर खुद को अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त करने की गुहार लगा रहे हैं.
बिहार के प्रधान सचिव को लिखे इस कथित खत में NMCH के अधीक्षक विनोद कुमार सिंह लिखते हैं, "मेरे अथक प्रयास के बावजूद भी ऑक्सीजन की पूर्ति में बाधा आ रही है. इससे दर्जनों मरीजों की जान जाने की संभावना बनी रहती है. मैं सशंकित हूं कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत के बाद इसकी सारी जवाबदेही अधीक्षक, नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, पटना पर आरोपित कर कार्यवाही की जाएगी. इसलिए मुझे मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्रभार से तत्काल मुक्त कर दिया जाए. इसके लिए मैं आपका आजीवन आभारी रहूंगा.
प्रधानमंत्री ने की रिव्यू मीटिंग
ऑक्सीजन की किल्लत के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को रिव्यू मीटिंग की. इनमें दवाई, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर्स और वैक्सीनेशन जैसे मुद्दे शामिल रहे. समीक्षा बैठक में पीएम ने कहा कि, भारत ने पिछले साल कोरोना को हराया था और इस साल देश कोरोना को दोबारा हरा सकता है. इसके लिए पूर्व में अपनाए गए सिद्धांत, तेज गति और समन्वय की जरूरत है.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट पर जोर दिया और कहा कि इनका कोई विकल्प नहीं है. कोरोना मरीजों की ट्रैकिंग और टेस्टिंग के जरिए मौत की दर को कम किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन को सक्रिय और संवेदनशील होने की जरूरत है.
ऑक्सीजन की कमी के बीच केंद्र सरकार ने 162 PSA (प्रेशर स्विंग एडसॉर्प्शन) प्लांट लगाए जाने के लिए आवंटन किया है. इनमें से 33 पहले ही लगाए जा चुके हैं. जिनमें से 5 मध्यप्रदेश, 4 हिमाचल प्रदेश, 3-3 चंडीगढ़ और गुजरात में लगाए गए हैं, इसके अलावा 2-2 प्लांट बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु में स्थापित किए जा चुके हैं. वहीं आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पुदुचेरी, पंजाब और यूपी में 1-1 प्लांट लगाया जा चुका है.
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