प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को 'कृष्ण का माखन लड्डू' दिखाया. इस अनोखे गोल पत्थर की ऊंचाई 6 मीटर और चौड़ाई करीब 5 मीटर है. इसका वजन 250 टन है. इस अनोखे गोल पत्थर को श्री कृष्ण के ‘माखन लड्डू’ के नाम से भी जाना जाता है.
इससे पहले पीएम मोदी ने शी जिनपिंग को पंचरथ, अर्जुन तपस्या स्थल और शोर मंदिर का भ्रमण कराया. मोदी ने जिनपिंग को इन जगहों के महत्व के बारे में भी बताया. पंचरथ को ठोस चट्टानों को काटकर बनाया गया है.
पंचरथ के बीच में एक बड़ा हाथी और शेर की प्रतिमाएं मूर्तियां लगी हैं. अर्जुन तपस्या स्थल महाबलीपुरम के शानदार स्मारकों में से एक है.
जहां अर्जुन ने की थी तपस्या...
महाभारत के पात्रों के नाम पर पंचरथ बनाया गया है. माना जाता है कि यहां पर अर्जुन ने तपस्या की थी. यद्यपि पांच पांडव भाइयों युधिष्ठिर, भीम, अर्जुन, नकुल, सहदेव और उनकी पत्नी द्रौपदी के अलावा भारतीय महाकाव्य महाभारत के साथ इसका कोई ऐतिहासिक संबंध नहीं है.
मोदी ने जिनपिंग को उस जगह से अवगत कराया, जहां पर अर्जुन ने तपस्या की थी. यहां एक बड़े शिलाखंड पर हिंदू देवताओं के अलावा शिकारियों, ऋषियों, जानवरों की तस्वीरें उकेरी गई हैं.
7वीं शताब्दी में हुआ था इसका निर्माण
7वीं शताब्दी में पल्लव राजाओं ने इसका निर्माण कराया था. इस पंचरथ को अद्भुत वास्तुकला के लिए अद्वितीय माना जाता है. मोदी और शी पंचरथ देखने के बाद कुछ देर बैठकर बातचीत भी की. इस दौरान मोदी कुछ कहते नजर आए और जिनपिंग गंभीरता से उन्हें सुनते दिखे.
मोदी और जिनपिंग को नारियल पानी भी पिया. इस दौरान मोदी ने खुद अपने हाथों से नारियल का पानी और टिश्यू शी को बढ़ाया. दोनों नेताओं ने नारियल पानी का लुत्फ उठाया.
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