1 अप्रैल को वर्धा में दिए गए पीएम मोदी के भाषण को चुनाव आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है. चूंकि कांग्रेस ने इस मामले की शिकायत की थी इसलिए उसने सुप्रीमो कोर्ट से गुहार लगाई है. आपको बता दें कि चुनावी भाषण में धर्म का जिक्र करने को लेकर बीएसपी चीफ मायावती, यूपी के सीएम आदित्यनाथ योगी और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को चुनाव आयोग सजा सुना चुका है. हम आपको इन सबके बयानों के बारे में बताएंगे लेकिन पहले देखिए पीएम मोदी ने वर्धा में क्या कहा था.
कांग्रेस ने हिंदुओं का अपमान किया है. उस पार्टी के लोग अब हिंदू बहुल इलाकों से चुनाव लड़ने में डरते हैं.अब वो वहां पनाह ले रहे हैं जहां अल्पसंख्यक ज्यादा हैंवर्धा की रैली में पीएम मोदी
पीएम मोदी ने ये बात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद कही थी. चुनाव प्रचार में धर्म का नाम लेने पर चुनाव आयोग ने मायावती पर 48 घंटे चुनाव प्रचार करने से रोक लगाई थी. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी 72 घंटे तक रोक लगाई गई थी.
मायावती ने क्या बयान दिया था
मुस्लिम समाज के लोगों को मैं ये बताना चाहती हूं कि आप लोगों को अपना वोट बांटना नहीं है, बल्कि आप लोगों को एकतरफा अपना वोट बीएसपी, समाजवादी पार्टी और आरएलडी के उम्मीदवारों को देकर उन्हें कामयाब बनाना हैमायावती, बीएसपी चीफ
नवजोत सिंह सिद्धू ने क्या कहा था?
‘मैं आपको चेतावनी देने आया हूं मुस्लिम भाइयों, ये बांट रहे हैं आपको, ये यहां ओवैसी जैसे लोगों को लाकर, एक नई पार्टी खड़ी कर आप लोगों का वोट बांटकर जीतना चाहते हैं. अगर तुम लोग एकजुट होकर वोट डालो तो मोदी सुलट जाएगा.’बिहार में नवजोत सिंह सिद्धू
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा था?
अगर कांग्रेस को अली, सपा-बसपा को अली पर विश्वास है तो हमें भी बजरंग बली पर विश्वास है.गठबंधन के लोग कह चुके हैं कि उन्हें बजरंग बली के अनुयायियों पर भरोसा नहीं है9 अप्रैल को मेरठ में योगी
आपने तीन ऐसे बयान देखे जिसमें चुनाव आयोग ने एक्शन लिया. चुनाव प्रचार पर रोक लगाई. और आपने पीएम मोदी का भी बयान देखा. आप खुद ही तय कर लीजिए कि माया, सिद्धू और योगी के बयान पर सजा लेकिन पीएम मोदी के बयान को क्लीन चिट देना कितना सही है? बता दें कि चुनाव आयोग ने इन नेताओं पर एक्शन लेने का फैसला तब किया जब सुप्रीम कोर्ट ने उसे फटकार लगाई.
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