एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित COVID-19 वैक्सीन के ट्रायल में गड़बड़ी की रिपोर्ट सामने आने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(SII) की तरफ से गुरुवार को वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी बताया गया है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के दौरे पर होंगे. वो वहां डेवलप हो रही कोरोना वैक्सीन की तैयारियों का जायजा लेंगे.
SII ने ग्लोबल फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ कोरोना वैक्सीन के लिए साझेदारी की है. इस वैक्सीन का भारत में तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है. लेकिन वैक्सीन सवालों के घेरे में है. डोजिंग में गड़बड़ी को लेकर एस्ट्राजेनेका के डेटा पर सवाल उठ रहे थे.
ये वैक्सीन भारत में 'कोविशील्ड' नाम से उपलब्ध होगी. SII को सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) से प्री-क्लिनिकल टेस्ट के लिए इस वैक्सीन के प्रोडक्शन की इजाजत मिल चुकी है.
दरअसल, एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने वैक्सीन में मैन्युफैक्चरिंग एरर स्वीकार किया, जो कि उनके प्रयोगात्मक COVID-19 वैक्सीन के प्रारंभिक परिणामों और डोजिंग के बारे में सवाल उठा रहा है.
23 नवंबर को कंपनी की तरफ से फेज-3 ट्रायल के रिजल्ट जारी करते हुए बताया गया कि उनकी कोरोना वैक्सीन 90% तक प्रभावी है और इस वैक्सीन को कोई खास साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं. हालांकि 90 फीसदी कारगर होने की बात एक फुल डोज के बाद हाफ डोज देने से बताई गई. कंपनी ने कहा था कि वैक्सीन कुल मिलाकर 70 फीसदी तक कारगर है.
हालांकि SII के ताजा बयान के मुताबिक COVID-19 वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है और भारतीय ट्रायल सभी प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करते हुए सुचारू रूप से आगे बढ़ रहे हैं.
“एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी है. यहां तक कि सबसे कम प्रभावकारिता परिणाम 60-70% हैं, जिससे वायरस के खिलाफ ये एक व्यवहार्य वैक्सीन है. “SII का बयान
बता दें, पीएम मोदी ने मंगलवार को कई राज्यों मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी. इस दौरान उन्होंने कोरोना के बढ़ते मामलों और वैक्सीन जैसे मुद्दों पर चर्चा की और कहा था कि पूरी तरह सुरक्षित वैक्सीन को ही इस्तेमाल की इजाजत मिलेगी.
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