सुप्रीम कोर्ट में अवमानना मामले में दोषी करार दिए गए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को सजा सुनाई गई. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है और अगर वो इस जुर्माने को नहीं भरते हैं तो उन्हें तीन महीने की जेल होगी. अब इस मामले को लेकर प्रशांत भूषण ने कहा है कि वो जुर्माना भरने के लिए तो तैयार हैं, लेकिन उनके पास अभी भी रिव्यू पिटीशन दायर करने का अधिकार बाकी है.
प्रशांत भूषण ने फैसले के बाद मीडिया के सामने आकर अपने उन ट्वीट्स का जिक्र किया, जिनके लिए उन्हें दोषी करार दिया गया था. उन्होंने कहा,
“मेरे ट्वीट सुप्रीम कोर्ट का अनादर करने के लिए नहीं थे, लेकिन ये मेरी उस पीड़ा को व्यक्त करने के लिए थे जो मैं महसूस कर रहा था. ये अभिव्यक्ति की आजादी के लिए एक ऐतिहासिक पल है. ऐसा लगता है कि इसने कई लोगों को अन्याय के खिलाफ बोलने के लिए प्रेरित किया है.”
‘गलत के खिलाफ आवाज उठाना सभी का कर्तव्य’
भूषण ने कहा कि, “मैंने पहले ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट मेरे खिलाफ जो भी फैसला सुनाएगा मैं उसे खुशी से स्वीकार करूंगा. सुप्रीम कोर्ट ने भले ही इसे अवमानना माना हो, लेकिन मुझे लगता है कि ये हर नागरिक का सबसे अहम कर्तव्य है. सच बोलना और जहां गलत हो रहा है उसके खिलाफ आवाज उठाना ये सबसे बड़ा कर्तव्य है.”
भूषण ने आगे कहा कि,
“ये केस मेरे बनाम सुप्रीम कोर्ट नहीं था. सुप्रीम कोर्ट को ही जीतना चाहिए. क्योंकि अगर सुप्रीम कोर्ट मजबूत और स्वतंत्र होता है तो देश का हर नागरिक जीतता है. वहीं अगर सुप्रीम कोर्ट कमजोर होता है तो देश का हर नागरिक हारता है.”
समर्थन के लिए लोगों का किया धन्यवाद
इस दौरान प्रशांत भूषण ने उन तमाम लोगों का भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनके समर्थन में आवाज उठाई. उन्होने कहा,
“मैं उन सभी असंख्य लोगों का दिल से धन्यवाद करता हूं, जिनमें पूर्व जज, वकील, एक्टिविस्ट और कई लोग शामिल थे. इन सभी लोगों ने मेरी उम्मीद बनाए रखी. इससे मुझे ताकत मिली कि इस ट्रायल से देश का ध्यान फ्रीडम ऑफ स्पीच और न्यायिक जिम्मेदारी की तरफ जाए.”
प्रशांत भूषण ने अपनी लीगल टीम को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने राजीव धवन और दुष्यंत दवे का नाम लेते हुए कहा- सत्यमेव जयते.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ठीक बाद प्रशांत भूषण ने एक ट्वीट भी किया था. जिसमें उन्होंने अपने वकील राजीव धवन के साथ एक रुपया लेते हुए फोटो शेयर की. उन्होंने इस ट्वीट में लिखा,
‘’मेरे वकील और वरिष्ठ सहयोगी राजीव धवन ने अवमानना फैसले के तुरंत बाद 1 रुपये का योगदान दिया, जिसे मैंने कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार कर लिया.’’
माफी मांगने से किया था इनकार
प्रशांत भूषण पर सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई को लेकर किए गए उनके दो ट्वीट्स को लेकर अवमानना का मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद 14 अगस्त को उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने दोषी करार दिया. लेकिन इसके बाद सजा का ऐलान नहीं हुआ, सुप्रीम कोर्ट ने सजा से पहले प्रशांत भूषण को उनके ट्वीट्स को लेकर सोचने का और माफी मांगने का मौका दिया था. जिस पर भूषण ने साफ इनकार करते हुए कहा कि वो किसी भी हाल में माफी नहीं मांगेंगे. जिसके बाद 31 अगस्त को उनकी सजा का ऐलान हुआ.
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