देशभर में महिलाओं के साथ हो रही रेप और हत्या की घटनाओं पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बड़ा बयान दिया है. राष्ट्रपति ने कहा है कि पॉक्सो एक्ट के तहत आने वाले सभी अपराधों में दया याचिका का प्रावधान ही नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा काफी गंभीर मामला है. संसद को दया याचिका की समीक्षा करनी चाहिए.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजस्थान के सिरोही में एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे. उन्होंने देशभर से आ रही रेप की खबरों का जिक्र किया और कहा कि इन पर हमें गंभीर होने की जरूरत है.
इसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करके भी महिला सुरक्षा पर चिंता जाहिर की. राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "महिला सुरक्षा एक बहुत ही गंभीर विषय है. इस विषय पर बहुत काम हुआ है लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है. बेटियों पर होने वाली वारदाते देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख देती हैं."
राष्ट्रपति कोविंद ने अपने ट्वीट में कहा, "लड़कों में 'महिलाओं के प्रति सम्मान' की भावना को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी हर माता-पिता की है, हर नागरिक की है, मेरी है, आपकी है."
राष्ट्रपति तक पहुंची निर्भया कांड के दोषी की फाइल
एक तरफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रेप के आरोपियों पर सख्त टिप्पणी की है और पॉक्सो जैसे कानून में क्षमा याचिका का विरोध किया है, वहीं दूसरी तरफ निर्भया कांड के एक दोषी की दया याचिका वाली फाइल राष्ट्रपति तक पहुंच चुकी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दोषी विनय की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजी है. इसके अलावा गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से अपील भी की है कि इस दया याचिका को खारिज कर दिया जाए.
बता दें कि निर्भया कांड के एक दोषी विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के पास अपनी दया याचिका भेजने का फैसला किया था. जिसके बाद अब राष्ट्रपति तय करेंगे कि उसे दया दी जाएगी या फिर फांसी पर लटकाया जाएगा. इससे पहले तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से कहा गया था कि अगर दोषी राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर नहीं करते हैं तो उनकी फांसी को लेकर बाकी जरूरी कार्यवाही पूरी की जाएगी.
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