प्रवासी मजदूरों को एक राज्य से दूसरे राज्य तक ले जाने के लिए चलाई जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 9 मई से 27 मई तक 80 लोगों की मौत की खबर है. हिंदुस्तान टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में RPF के आंकड़ों के हवाले से ये जानकारी दी है. बता दें कि अलग-अलग जोन से ट्रेन में मौत की खबरें आ रही हैं. हाल ही मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक महिला की मौत हो गई थी, वो अहमदाबाद से आ रही थी. ट्रेन में हो रही इन मौतों पर सवाल उठ रहे हैं.
29 मई को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 3840 ट्रेनों के जरिये कुल 52 लाख 40 हजार यात्री अपने गंतव्य स्थान को पहुंच चुके हैं. 15 मई से 24 मई के बीच 20 लाख यात्रियों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया. इसके हिसाब से प्रतिदिन 3 लाख यात्रियों को घर पहुंचाया गया. इन ट्रेनों में से 80 फीसदी ,बिहार और उत्तरप्रदेश के लिए चलाई गई.
गंभीर रूप से बीमार यात्रा न करें: रेलवे
रेलवे बोर्ड के चेयरमेन विनोद कुमार यादव का कहना है कि ट्रेनों में भूख से हुईं मौत की खबर गलत है , जो भी मौत हुई है उसकी जांच की जा रही है. लेकिन उन्होंने बताया कि ट्रेनों में पर्याप्त खाना और पानी दिया जा रहा है। ट्रेनों में अब तक 30 से ज्यादा डिलीवरी हुई है , इन महिलाओं को निकटस्थ रेलवे स्टेशन पर चिकित्सा सुविधा पहुचाई गयी हैं. उन्होंने लोगो से अपील की जो महिलाएं गर्भवती हैं, या जो लोग गंभीर रुप से बीमार हैं वो इस समय यात्रा न करें.
27 मई को रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने एक बार फिर कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में श्रमिक भाइयों से टिकट के पैसे नही लिए जा रहे हैं. 85 फीसदी केन्द्र और 15 फीसदी राज्य सरकार फेयर वहन कर रही है. उन्होंने कहा कि जैसे जैसे हम नॉर्मलसी की तरफ बढेगे, ट्रेनों को आवश्यकता के अनुसार चलाई जाएगी. साथ भी उन्होंने यह भी साफ किया कि जब तक जरूरत होगी ,श्रमिक स्पेशल ट्रेने चलायी जाती रहेंगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)