राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त किए जाने को लेकर विवाद तेज हो चुका है. अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट में अस्थाना की नियुक्ति को चुनौती दी गई है और साथ ही इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करने की भी मांग की गई है. अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ दायर इस याचिका में कहा गया है कि ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना है.
अस्थाना की नियुक्ति को रद्द करने की मांग
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक एडवोकेट एमएल शर्मा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दायर की गई है. जिसमें कहा गया है कि राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति साफ तौर से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानबूझकर की गई अवहेलना है.
इस याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट तुरंत राकेश अस्थाना की नियुक्ति को रद्द करे और इसके लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ जुर्माना भी लगाया जाए. दरअसल याचिका में सुप्रीम कोर्ट के जुलाई 2018 में दिए गए आदेश का हवाला दिया गया है. प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि पुलिस कमिश्नर की नियुक्ति के लिए अधिकारी के रिटायरमेंट में कम से कम 6 महीने बाकी होने चाहिए. लेकिन राकेश अस्थाना की नियुक्ति उनके रिटायरमेंट के करीब 4 दिन पहले की गई.
बता दें कि राकेश अस्थाना को इससे पहले सीबीआई डायरेक्टर बनाने की चर्चा थी, उनका नाम रेस में सबसे आगे बताया जा रहा था, लेकिन उनके रिटायरमेंट की अवधि को देखते हुए उन्हें इस लिस्ट से हटा दिया गया. लेकिन अब जो लोग विरोध कर रहे हैं उनका कहना है कि पुलिस कमिश्नर बनाए जाने को लेकर इस नियम का पालन क्यों नहीं किया गया?
दिल्ली विधानसभा में भी प्रस्ताव पास
राकेश अस्थाना की नियुक्ति का विरोध दिल्ली सरकार और कांग्रेस पार्टी भी कर रही है. उनकी नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में प्रस्ताव पास किया जा चुका है. इसमें कहा गया है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति नियमों के तहत नहीं की गई है. कांग्रेस नेताओं ने भी कहा है कि अस्थाना की नियुक्ति पर सरकार दोबारा विचार करे और इसे वापस लिया जाए.
2018 में सुर्खियों में रहे राकेश अस्थाना
राकेश अस्थाना दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनने से पहले बीएसएफ के डीजी और सीबीआई के कई पदों पर रह चुके हैं. जब वो सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर हुआ करते थे तो उनके खिलाफ करोड़ों की रिश्वत लेने के आरोप लगाए गए थे. आरोप लगाने वाले कोई और नहीं बल्कि खुद तब के सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा थे. दोनों के बीच चले लंबे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने उन्हें छुट्टी पर भेज दिया और नागेश्वर राव को नया सीबीआई डायरेक्टर बनाया गया. अस्थाना के खिलाफ इसके अलावा भी कुछ और गंभीर आरोप लगाए गए थे. हालांकि सीबीआई से उन्हें बाद में क्लीन चिट मिल गई थी. अस्थाना को मोदी सरकार के करीबी अधिकारियों में गिना जाता है.
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