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अब तेजी से बढ़ रहा कोरोना, दिल्ली,महाराष्ट्र,गुजरात में हालत खराब

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पूरा देश पिछले करीब 1 महीने से लॉकडाउन में है. फिर भी देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. 7 मई को आए नए आंकड़ों के मुताबिक, एक्टिव केस की ग्रोथ रेट 6.6% हो गई है. BrookingsInst की सीनियर फेलो और प्रधानमंत्री इकनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल की पूर्व सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि कहती हैं कि अगर ग्रोथ रेट इतने पर ही रुकी रही तो भी अगले 11 दिनों में एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर दोगुनी हो जाएगी. डर है कि अगर कोरोना इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो एक्टिव केस 11 दिनों में बढ़कर 70 हजार के पार हो जाएंगे.

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2 मई को एक्टिव केस बढ़ने की रफ्तार 4.8% थी और डबलिंग रेट 15 दिन का था लेकिन डबलिंग रेट का बढ़ना चिंता बढ़ा रहा है.

खबर लिखे जाने तक भारत में कोरोना वायरस के अभी तक करीब 36 हजार एक्टिव केस हैं और 1783 लोगों की मौत हो गई है. राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र, दिल्ली और गुजरात में नए पॉजिटिव केस तेजी से बढ़ रहे हैं. साफ है इन राज्यों में कोरोना से लड़ाई की रणनीति काम नहीं कर रही है. कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग लेकर टेस्ट कंटेनमेंटट तक की प्रकिया ठीक से काम नहीं कर रही. वहीं तमिलनाडु में भी पॉजिटिव केस बढ़ने की दूसरी वेव आई है. लेकिन तमिलनाडु के लिए राहत की बात ये है कि यहां रिकवरी रेट अच्छा है.

गुजरात में बिगड़े हालात, बुलानी पड़ी पैरामिलिट्री फोर्स

गुजरात में 6 मई को तीन सौ से अधिक मामले और 28 लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद राज्य में लॉकडाउन का पालन सख्ती से कराने का फैसला लिया गया है. इसके लिए राज्य में पैरामिलिट्री फोर्स के 7 कंपनियों को तैनात किया गया है. अहमदाबाद में गुरुवार को दूध और दवा की दुकान छोड़ कर सभी को बंद करा दिया गया है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, गुजरात के डीजीपी शिवानंद झा ने बताया कि, राज्य में केंद्र ने सात पैरा मिलिट्री फोर्स कंपनियों को भेजा है. उन्होंने कहा-

अहमदाबाद और राज्य के बाकी जिलों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ा है, जिसके बाद अधिक संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स को क्षेत्र में लगाने का फैसला किया गया है. राज्य में केंद्र ने सात पैरामिलिट्री फोर्स कंपनी भेजी है, जिसमें 6 बीएसएफ और 1 सीआईएसएफ की कंपनी है.
शिवानंद झा, डीजीपी, गुजरात

महाराष्ट्र में कोरोना संकट बेकाबू!

महाराष्ट्र से अबतक सबसे ज्यादा कोरोना केस सामने आए हैं. यहां 7 मई को 1362 नए कोरोना वायरस केस रिपोर्ट किए गए. इसी के साथ राज्य में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 18,120 और कुल मौतें 651 हो गई हैं मुंबई में कोरोना वायरस के कुल संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार हो गई है. कोरोना संकट के बीच राज्य पर बड़ी संख्या में रह रहे प्रवासी मजदूरों को वापस भेजने का भी दबाव है.

राज्य के हालात को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने 6 मई को गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोनावायरस महामारी की स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक की. प्रतिनिधियों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि राज्यों में कम से कम 36 जिले कोरोनावायरस बीमारी से प्रभावित हैं, जो एक चिंता का विषय है. साफ है कि केंद्र भी महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में बढते कोरोना केस पर नजर बनाए हुए है.

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बंगाल में कोरोना से जंग कम, सियासत ज्यादा!

उधर पश्चिम बंगाल में जहां वक्त है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से निपटा जाए लेकिन राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच अनबन की खबरें आना कम नहीं हो रही हैं. 6 मई को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस को लेकर सख्ती न बरतने को लेकर फटकार लगाई है. गृह सचिव ने अपने पत्र में लिखा- बंगाल में कोरोना वायरस की टेस्टिंग काफी धीमी है, वहीं मरने वालों की तादाद (13.2%) काफी ज्यादा है. इससे साफ होता है कि राज्य में कोरोना की रोकथाम में ढिलाई बरती जा रही है. सरकार को रेंडम टेस्टिंग बढ़ाने पर भी काम करना चाहिए. वहीं राज्य में अभी भी बाजारों में भीड़-भाड़, सैनिटाइजेशन की खास व्यवस्था नहीं, बिना मास्क के लोगों का आना जाना चल रहा है. लोग फुटबॉल और क्रिकेट तक खेल रहे हैं.

बता दें कि बंगाल में अभी तक कुल कंफर्म केस 1456 हो चुके हैं वहीं कोरोना संक्रमण के चलते 144 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

इन सब चुनौतियों के बीच एम्स दिल्ली के डायरेक्टर ने आशंका जताई है कि जून और जुलाई में देश में कोरोना वायरस संक्रमण चरम पर पहुंच सकता है.गुलेरिया के मुताबिक मॉडलिंग डेटा और जिस तरीके से कोरोना वायरस संक्रमण के आंकड़े आ रहे हैं उससे ऐसा लगता है कि जून-जुलाई में इसका प्रकोप सबसे ज्यादा होगा.

हाल ही में लॉकडाउन में जो छूट मिली है, उससे भी कुछ आशंकाएं उभर कर सामने आई हैं. शराब की दुकानों के खुलने के बाद से ही अलग-अलग राज्यों से जो तस्वीरें सामने आईं उसमें सोशल डिस्टेंसिंग के सभी मानदंडों को तार-तार होता देखा गया.


केंद्र-राज्य की सरकारों को WHO चीफ की चेतावनी को  भी जरूर याद रखना चाहिए. WHO चीफ ने कहा है कि कई देश लॉकडाउन प्रतिबंधों को कम करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें चाहिए कि वे लॉकडाउन से बाहर निकलने के उपाय बेहद सावधानी से करें. अगर ये बेहद सावधानी और चरणबद्ध तरीके से नहीं किया गया तो एक बार फिर पूरी

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