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बाल रंगाते पकड़ा गया रवि पुजारी, 26 साल यूं चला चूहे-बिल्ली का खेल

पुलिस को हत्या के 12 मामले समेत 97 मामलों में रवि पुजारी की तलाश थी.

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गैंगस्टर रवि पुजारी की कानून से लुका छिपी का खेल 26 साल बाद खत्म हो गया. इसके साथ ही फर्जी नाम एंथोनी फर्नांडीज के सहारे सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर छिपे रहने की उसकी कोशिश का अंत हो गया. पुलिस को हत्या के 12 मामले समेत 97 मामलों में रवि पुजारी की तलाश थी. सेनेगल ने 23 फरवरी को उसे भारत को सौंप दिया.

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कभी दाऊद इब्राहिम गैंग और उसके नजदीकी छोटा राजन का करीबी था पुजारी. उसकी गिरफ्तारी तब हुई, जब वह सेनेगल में 19 फरवरी को नाई की एक दुकान पर अपने बाल कलर करा रहा था.

अतिरिक्त पुलिस निदेशक (कानून-व्यवस्था) अमर कुमार पांडे ने गिरफ्तारी की घोषणा करते हुए कहा, “लंबे समये से फरारी का आखिरकार अंत हो गया.’’

पुजारी को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. नये ठिकाने का पता चलने पर इस गैंगस्टर को भारत लाने की जिम्मेदारी 18 जुलाई को कर्नाटक पुलिस के अधिकारियों को सौंपी गयी थी.

सूत्रों के अनुसार पश्चिम अफ्रीका के बुर्कीना फासो में भारतीयों के लिए हुए एक क्रिकेट टूर्नामेंट में उसकी मौजूदगी की एक तस्वीर ने यह बड़ी सफलता दिलायी.
पुलिस को हत्या के 12 मामले समेत 97 मामलों में रवि पुजारी की तलाश थी.

अफ्रीका में फर्जी नाम से रह रहा था

एडीजीपी पांडे ने कहा, “सेनेगल में वह एक प्रतिष्ठित कारोबारी था.” उन्होंने कहा, “बुर्कीना फासो में बसने से पहले जब भारत में गैंगवार के कारण पुजारी की जान पर बन आयी तो 1994 में उसने नेपाल के रास्ते देश छोड़ दिया. फिर नेपाल से फर्जी भारतीय पासपोर्ट के जरिए वह बैंकॉक और युगांडा चला गया.“

पुजारी ने नयी जिन्दगी एंथोनी फर्नांडीज की पहचान के साथ शुरू की. उसे यह नाम उसके मेंटर छोटा राजन ने तब दिया था जब वह मुम्बई में अंडरवर्ल्ड का हिस्सा था.

सालों बाद वह टेक्सटाइल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स के कारोबार में घुस गया. यहां तक कि उसने पश्चिम अफ्रीका में ‘महाराजा’ नाम से मशहूर भारतीय रेस्टोरेंट खोला. पांडे ने आगे बताया कि बुर्कीना फासो में रहते हुए उसने अपने भारतीय पासपोर्ट का त्याग कर दिया और उसने सेनेगल का पासपोर्ट बना लिया, जिसका वह अमेरिका समेत पूरी दुनिया में यात्राओं के दौरान इस्तेमाल करता था.

पुलिस को हत्या के 12 मामले समेत 97 मामलों में रवि पुजारी की तलाश थी.
रवि पुजारी का नया पासपोर्ट. 
(तस्वीर : बेंगलुरू पुलिस)

रेस्टोरेंट, कारोबार और सामाजिक कामों की वजह से वह अपने देश में मशहूर हो गया. पांडे ने कहा कि पुजारी कपड़े बांटने, पम्प सेट लगाने और ऐसे ही दूसरे सामाजिक कामों में लग गया.

हालांकि उसने भारत में अपने नेटवर्क के जरिए डरा-धमका कर पैसे वसूलने का कारोबार जारी रखा.

सूचना मिलने के बाद हुई गिरफ्तारी

कर्नाटक में 97 मामलों और महाराष्ट्र, गुजरात एवं केरल में कई मामलों में वांछित होने के बावजूद पुजारी कई सालों तक गिरफ्तारी से बचता रहा. 2018 में खुफिया अधिकारियों को सूचना मिली कि वह बुर्कीना फासो के एक मशहूर भारतीय रेस्टोरेंट में पार्टनर है.

जब सूचना कर्नाटक पुलिस तक पहुंची, एडीजीपी पांडे को यह जिम्मेदारी मिली कि वह गैंगस्टर को भारत लेकर आएं. मिली सूचना के आधार पर कई भारतीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझा अभियान चला. करीब एक साल बाद बड़ी सफलता मिली जब उसकी तस्वीर स्थानीय अखबार में छपी. इसमें वह एक क्रिकेट मैच देख रहा था जिसे भारतीय समुदाय के लिए दिसंबर 2019 में आयोजित किया गया था.

पुलिस को हत्या के 12 मामले समेत 97 मामलों में रवि पुजारी की तलाश थी.
एडीजीपी अमर कुमार पांडे.
(तस्वीर : क्विन्ट)

बाद में यह पता चला कि वह बुर्कीना फासो से सेनेगल चला गया था. उस पर पूरी नजर रखी गयी और 19 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया जब वह अपने लंबे बालों को स्थानीय नाई की दुकान पर कलर करा रहा था. उसके विरुद्ध रेड कॉर्नर नोटिस पर अमल करते हुए स्थानीय पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया.

कर्नाटक पुलिस ने आगे बताया कि हालांकि भारत और सेनेगल के बीच कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है, द्विपक्षीय बातचीत के जरिए इस अपराधी को वापस लाने में मदद मिली.
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दाऊद गैंग का था मजबूत व्यक्ति

हालांकि उडुपी जिले के तटीय शहर माल्पे के एक छोटे से गांव में उसका जन्म हुआ था, मगर पुजारी मुंबई में पला-बढ़ा. 1990 के दशक की शुरूआत में अंधेरी के एक बिल्डर की हत्या के साथ उसने मुंबई अंडरवर्ल्ड में प्रवेश किया. वर्षों तक वह छोटा राजन का विश्वस्त सिपहसालार बना रहा, जो बाद में दाऊद इब्राहिम गैंग से जुड़ गया.

1993 में मुंबई ब्लास्ट के बाद जब दाऊद और छोटा राजन अलग हो गये, तो वह छोटा राजन के साथ हो गया. बहरहाल आगे चलकर राजन के साथ ही उसका पतन हुआ. राजन के लोगों पर हमले करने के आरोप उस पर लगे और जवाब में वह भी निशाने पर आ गया.

लंबा रहा है अपराध का इतिहास

पुजारी के खिलाफ मामलों में कर्नाटक के दो मंत्रियों अभयचंद्र जैन और रामनाथ राय को धमकी देने का मामला भी शामिल था. जनवरी 2018 में अंडरवर्ल्ड के लोगों ने कथित तौर पर कई धमकी भरे फोन किए. शिक्षा मंत्री तनवीर सैत को 10 करोड़ की रकम मांगते हुए एसएमएस भी भेजे गये.

नयी दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से जुड़े विवाद की कड़ी में उसने कथित तौर पर छात्र नेता शेहला रशीद और उमर खालिद के साथ-साथ कश्मीरी अलगाववादी सैय्यद अली शाह गिलानी को भी 2016 में धमकी भरे कॉल किए.

बहरहाल, ज्यादातर उसका ध्यान बिल्डरों और कारोबारियों को डराकर वसूली करने पर केंद्रित रहा. उसके खिलाफ पहला मामला 2001 में सामने आया जब बेंगलुरू में बिल्डर सुब्बु राजू पर जानलेवा हमला हुआ. इस केस में उसके खिलाफ चार्जशीट दायर की गयी, लेकिन वह ट्रायल से दूर रहा.

रीयल्टी फर्म शबनम डेवलपर्स के खिलाफ शूटआउट केस में भी उसके खिलाफ चार्जशीट दायर हुई. फरवरी 2007 में हुए इस मामले में 2 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद 2008 में मेंगलुरू में एचएमएल शिपिंग में भी शूटआउट हुई थी.

बॉलीवुड प्रोडक्शन कंपनी यूटीवी के दफ्तर में 2009 में और मंत्री डेवलपर्स के दफ्तर में 2010 में उसके गुर्गे कथित तौर पर शूटआउट को अंजाम दे चुके हैं. दोनों घटनाएं बेंगलुरू की हैं. 2014 में मेंगलुरू में हुए भारतीय बिल्डर्स के खिलाफ शूटआउट को आखिरी शूटआउट माना जाता है जिसमें उसकी भागीदारी थी.

कई हमले उसने गैंगवार के तहत भी किए. 2009 में रवि पुजारी के कथित गुर्गों ने वकील नौशाद काशिमजी की हत्या कर दी थी, जो शार्पशूटर राशिद मालाबारी का वकील था और कथित तौर पर छोटा शकील का सहयोगी भी.

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