रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड ने टेलिकॉम सेक्टर में छिड़ी टैरिफ वॉर के बावजूद मार्च महीने में सबसे ज्यादा सब्सक्राइबर्स जोड़े. जियो को चुनौती देने के लिए तमाम टेलिकॉम कंपनियों ने आकर्षक और सस्ते टैरिफ प्लान लॉन्च किए, लेकिन वे यूजर्स के मामले में जियो को टक्कर नहीं दे पाईं.
टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक, मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने मार्च महीने में 94 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर जोड़े. जबकि जियो की प्रतिद्वंदी कंपनी भारती एयरटेल ने 84 लाख और आइडिया सेलुलर ने 91 लाख सब्सक्राइबर जोड़े. वहीं वोडाफोन इंडिया करीब 56 लाख नए सब्सक्राइबर जोड़ने में कामयाब रही.
फरवरी महीने में कुल वायरलेस सब्सक्राबर्स की संख्या 115.6 करोड़ थी, जो मार्च महीने में बढ़कर 118.3 करोड़ हो गई.
4G फोन में रिलायंस जियोफोन देश का सबसे ज्यादा बिकने वाला फीचर फोन बन गया है. मॉर्गन स्टेनली के अनुमान के मुताबिक, जियोफोन की वजह से अगले कुछ महीनों में जियो के यूजर्स की संख्या और बढ़ेगी.
किस टेलिकॉम कंपनी के कितने सब्सक्राइबर बढ़े?
एयरटेल के मुकाबले आइडिया सेलुलर के यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है, क्योंकि आइडिया ने कम कीमत में ज्यादा डेटा की पेशकश वाले नए टैरिफ लॉन्च किए हैं. इसके अलावा यूजर बेस में बढोतरी इसलिए भी हो सकती है, क्योंकि आइडिया और वोडाफोन के विलय के संकेत भी मिल रहे हैं.
टेलिकॉम सेक्टर में किसकी कितनी हिस्सेदारी?
मार्केट में आइडिया की करीब 17.8 फीसदी की हिस्सेदारी है, उसके पास करीब 21.1 करोड़ का यूजर बेस है. वहीं वोडाफोन इंडिया के पास 22.2 करोड़ सब्सक्राइबर हैं और मार्केट में 18.7 फीसदी की हिस्सेदारी है.
एयरटेल 25.7 फीसदी हिस्सेदारी के साथ लगातार नंबर वन बना हुआ है. एयरटेल के पास 30.2 करोड़ सब्सक्राबर हैं. वहीं जियो की मार्केट में 15.7 फीसदी की हिस्सेदारी है, उसके पास करबी 18.5 करोड़ सब्सक्राइबर हैं.
बढ़ रहे हैं एक्टिव यूजर्स
रिलायंस जियो के कुल यूजर्स में से 86 फीसदी यूजर नेटवर्क पर एक्टिव हैं. हालांकि, यह आंकड़ा इंडस्ट्री के औसत से कम है. हालांकि एक्टिव यूजर्स की संख्या बढ़ रही है.
मार्च महीने में असम में जियो के यूजर्स में 7.3 फीसदी के साथ सबसे ज्यादा वृद्धि हुई. इसके अलावा तमिलनाडु में 7.2 फीसदी और जम्मू-कश्मीर में 4.9 फीसदी की वृद्धि हुई.
इंट्रा-सर्विस मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की रिक्वेस्ट में भी इजाफा हुआ है. मार्च महीने में 1.9 करोड़ से ज्यादा रिक्वेस्ट दर्ज की गईं. अब तक, कर्नाटक में सबसे ज्यादा और फिर आंध्र प्रदेश और राजस्थान में पोर्टेबिलिटी की रिक्वेस्ट दर्ज की गईं.
(स्रोतः BloombergQuint)
ये भी पढ़ें-
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)