दिल्ली-एनसीआर को जाम से निजात दिलाने के लिए करीब 132 किलो मीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के खुलने का इंतजार खत्म होने वाला है. लेकिन उद्घाटन से पहले ये एक्सप्रेस-वे कई वजहों को लेकर चर्चा में है.
पहली वजह ये की इस एक्सप्रेव के उद्घाटन में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाइवे अथॉरिटी को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 31 मई तक एक्सप्रेस-वे खुल जाना चाहिए. खैर, अब 27 मई को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करेंगे, लेकिन एक्सप्रेस का काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है.
तीसरी बड़ी वजह ये है कि पीएम मोदी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में रैली के दौरान ईस्टर्न एक्सप्रेसवे का शुभारंभ करेंगे. इस कार्यक्रम की तारीख 27 मई तय की गई है और 28 मई को बागपत से सटे कैराना में उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है. ऐसे में राष्ट्रीय लोकदल ने चुनाव आयोग में शिकायत की है कि इस उद्घाटन से चुनाव प्रभावित हो सकता है.
आरएलडी ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी
कैराना में बीजेपी उम्मीदवार मृगांका सिंह और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की उम्मीदवार तबस्सुम हसन के बीच सीधा मुकाबला होता दिख रहा है. यही वजह है आरएलडी ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर पीएम मोदी की 27 तारीख को बागपत रैली को लेकर आपत्ति जताई है.
आरएलडी ने चिट्ठी में लिखा है, ‘27 मई को पीएम मोदी द्वारा बागपत में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया जाना है और 28 मई को कैराना लोकसभा का उपचुनाव होना है और कैराना लोकसभा क्षेत्र बागपत से सटा हुआ है. इस कार्यक्रम को अपरोक्ष रूप से कैराना उपचुनाव को प्रभावित करने की दृष्टि से रखा गया है.’
आरएलडी ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी में कहा है कि बीजेपी कैराना लोकसभा क्षेत्र के गांवों में बागपत रैली के लिए लगातार जनसंपर्क कर रही है. आरएलडी ने कहा है कि हो सकता है कि इस रैली में कैराना लोकसभा से संबंधित कुछ घोषणाएं भी की जाएं. ऐसे में आरएलडी ने पीएम मोदी की बागपत रैली पर 28 मई तक रोक लगाने की मांग की है.
27 मई का इंतजार क्यों?
आरएलडी की चिट्ठी और चुनावी माहौल के बीच ये सवाल उठना लाजमी है कि पीएम मोदी अब तक ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन के लिए इंतजार क्यों करते रहे?
दरअसल, इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन 29 अप्रैल को होना था. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इसके पीछे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट ने वजह बताई गई कि पीएम मोदी अन्य कार्यक्रमों में व्यस्त हैं. इसलिए तय वक्त पर उद्घाटन नहीं हो सका.
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी को फटकार लगाई और कहा कि पीएम को समय हो या न हो, 31 मई तक एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन हो जाना चाहिए.
बहरहाल, अब पीएम मोदी ने उद्घाटन के लिए 27 मई की तारीख चुनी है. लेकिन इस तारीख को लेकर विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं. विपक्ष का आरोप है कि बीजेपी पीएम मोदी की रैली के जरिए कैराना उपचुनाव को प्रभावित करना चाहती है.
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‘अब तक पूरा नहीं हुआ एक्सप्रेस-वे का काम’
करीब 132 किमी के ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के खुलने का इंतजार पूरा होने वाला है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के बड़े अधिकारी एक्सप्रेस-वे से जुड़े कामों की समीक्षा कर रहे हैं. लेकिन मौजूदा हालातों में तय तारीख तक एक्सप्रेस-वे का काम पूरा होने काफी मुश्किल दिख रहा है.
पीएम के कार्यक्रम को देखते हुए एनएचएआई ने 25 मई तक काम पूरा होने का लक्ष्य रखा है, लेकिन मौजूदा हालातों को देखकर तय तारीख तक काम पूरा होने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है क्योंकि बागपत के खेकड़ा स्थित रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का निर्माण चल रहा है. उधर, डासना इलाके में मौजूदा हालातों के हिसाब से काफी काम बचा हुआ है. अभी तक हाईवे और लूप में बनी सड़कों के किनारे मिट्टी डालने और डिवाइडर बनाने का काम बचा हुआ है. डासना से आगे भी बीच-बीच में कुछ काम बचा हुआ है जो मुख्य सड़क का हिस्सा है. ऐसी स्थिति में दो दिन के अंदर काम पूरा होने पर संशय बरकरार है.
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