ADVERTISEMENTREMOVE AD

साकीनाका रेप-हत्या:नानी के सहारे पीड़िता की बेटियां,गरीबी का सामना कर रहा परिवार

पीड़िता साकीनाका जंक्शन के पास एक छोटे से कमरे में अपनी मां और दो बेटियों के साथ रहती थीं.

Published
भारत
4 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

9 सितंबर को मुंबई के साकीनाका (Sakinaka Rape-Murder Case) में एक टेंपो में एक 32 साल की महिला का रेप और उसके साथ बर्बरता की गई. इस हादसे के एक दिन बाद जख्मों से लड़ते हुए पीड़िता ने अस्पताल में दम तोड़ दिया. रेप पीड़िता की मां कहती हैं, "हम दिहाड़ी मजदूर हैं और हमारी कोई स्थिर आय नहीं है. मुझे इस कमरे के लिए 2,000 रुपये का किराया देना होगा. और अब, मुझे अपनी दो नातियों को अकेले ही पालना होगा."

अनीता* (पहचान छिपाने के लिए बदला हुआ नाम) अनुसूचित जाति से आती थीं. वो साकीनाका जंक्शन के पास एक छोटे से कमरे में अपनी मां और दो बेटियों के साथ रहती थीं - जिनकी उम्र 11 और 15 साल है. दोनों बेटियों ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के बाद से ऑफलाइन या ऑनलाइन स्कूल अटेंड नहीं किया था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
साकीनाका पुलिस स्टेशन के आसपास हुई इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है. लेकिन सुर्खियों से परे, इसने पीड़ित परिवार को बुरी तरह से संकट में डाल दिया है - गरीबी, बदनामी और दर्द भरा जीवन.

क्विंट ने अनीता के परिवार से मुलाकात की और इलाके का दौरा किया. पीड़िता के परिवार के सदस्यों और उसके पड़ोसियों ने उस दिन जो हुआ, उसे बताया और अपना दर्द बांटा.

0

'वो सिर्फ 10 मिनट के लिए घर आई... और फिर चली गई'

अनीता की मां ने उस रात की घटनाओं को याद करते हुए बताया कि वो शाम को उन्हें देखने के लिए घर आईं थीं, लेकिन 10 मिनट बाद ही चली गई. जब अनीता समय पर घर नहीं लौटी तो परिवार परेशान होने लगे. मां ने कहा, "हमने पड़ोस में उसकी तलाश की, लेकिन वो वहां नहीं थी."

"अगली बात जो हम जानते हैं, हमें पुलिस से आधी रात... सुबह 3 से 4 बजे के बीच घटना के बारे में फोन आया."
अनीता की मां
पीड़िता साकीनाका जंक्शन के पास एक छोटे से कमरे में अपनी मां और दो बेटियों के साथ रहती थीं.

साकीनाका जंक्शन का इलाका

(फोटो: हिंमाशी दहिया/क्विंट हिंदी)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

असफल शादी, चिंता और बदनामी: रोज क्या झेलती थीं अनीता

2015 में पति से अलग होने के बाद, अनीता अपनी मां पर निर्भर थीं. उनकी बहन ने क्विंट को बताया कि उनके अलगाव के बाद से वो एंग्जाइटी का सामना कर रही थीं, जिस कारण वो घर में काफी कम योगदान दे पाती थीं.

"उन्होंने अपनी बेटियों के साथ बहुत कम समय बिताया, और घर पर कम ही रहा करती थीं, क्योंकि ये उन्हें उनकी असफल शादी की याद दिलाता था. वो इससे उबर नहीं पा रही थीं."
पीड़िता की छोटी बहन
ADVERTISEMENTREMOVE AD

परिवार अनीता की मां पर निर्भर था, जो साकीनाका में एक सब्जी का स्टॉल चलाती थीं, जिसे मुंबई के नागरिक निकाय ने कोविड लॉकडाउन के दौरान तोड़ दिया था. निकाय का कहना था कि ये सार्वजनिक क्षेत्र पर "अतिक्रमण" था. तब से, उनके पास जो भी छोटी-छोटी बचत थी, परिवार उसके सहारे ही चल रहा है.

पीड़िता साकीनाका जंक्शन के पास एक छोटे से कमरे में अपनी मां और दो बेटियों के साथ रहती थीं.

इस सड़क पर सब्जी का स्टॉल लगाती थीं अनीता की मां

(फोटो: हिंमाशी दहिया/क्विंट हिंदी)

पीड़िता के एक अन्य रिश्तेदार ने क्विंट को पड़ोस में कई "अफवाहों" के बारे में बताया. रिश्तेदार ने कहा, "जब वो अपनी जिंदगी के लिए लड़ रही थीं, तो ये लोग उसे रेप के लिए दोषी ठहरा रहे थे, क्योंकि वो अपने पति से अलग हो गई थी और घटना के समय रात में बाहर थी."

उनकी बहन ने पूछा, "ये कैसे जायज है?"

ये पहली बार नहीं है जब भारत में किसी पीड़िता को रेप के लिए दोषी ठहराया जा रहा है. सोशल मीडिया पर लोगों से लेकर राजनेताओं तक ने पीड़िता को शर्मसार करने और पिछले कई मौकों पर रेप को सही ठहराने वाले बयान दिए हैं.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

'मुझे निर्भया की याद दिला दी'

उसी पड़ोस में रहने वाली अनीता के बचपन के दोस्त ने नाम न छापने की शर्त पर क्विंट को बताया कि पुलिस और बाद में डॉक्टरों ने उन्हें जो बताया, उससे इस घटना ने उन्हें दिल्ली में निर्भया रेप केस की याद दिला दी.

"इसने मुझे निर्भया की याद दिला दी, जिस तरह से उसके शरीर को क्षत-विक्षत किया गया था. ऐसा कोई जानवर ही कर सकता है."
अनीता के बचपन के दोस्त

मुंबई पुलिस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के रहने वाले आरोपी मोहन चौहान ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. उसने महिला के प्राइवेट पार्ट्स को जख्मी करने के लिए एक हथियार का इस्तेमाल किया, जिसके कारण महिला का काफी खून बह गया और उनकी मौत हो गई.

मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने, 13 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आरोपी और पीड़िता एक-दूसरे को जानते थे और उनके बीच के वित्तीय विवाद के कारण ये घटना घटी.

हालांकि, परिवार का कहना है कि पीड़िता आरोपी को नहीं जानती थी. उनकी बहन ने क्विंट को बताया, "हमें नहीं पता कि इसका आरोपी कौन है. जहां तक मुझे पता है और याद है, मेरी बहन ने उसके बारे में पहले कभी कुछ नहीं बताया."

पीड़िता साकीनाका जंक्शन के पास एक छोटे से कमरे में अपनी मां और दो बेटियों के साथ रहती थीं.

सीकानाका में पीड़ित का परिवार

(फोटो: हिंमाशी दहिया/क्विंट हिंदी)

ADVERTISEMENTREMOVE AD

पकड़ा गया आरोपी, लेकिन इंसाफ अभी दूर

पीड़ित परिवार ने कहा कि मुंबई पुलिस ने गिरफ्तारी में तेजी तो लाई है, लेकिन इंसाफ अभी भी दूर है.

"अगर आरोपी को सजा भी दी जाती है, तो क्या ये इन दो लड़कियों के लिए न्याय होगा, जिन्होंने अपनी मां को खो दिया है?"
पीड़िता की मां

जहां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सुनवाई में तेजी लाने और पीड़िता की नाबालिग बेटियों के लिए 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का वादा किया है, वहीं पीड़िता के करीबी लोगों का कहना है कि मुआवजे की कोई भी राशि उसे वापस लाने या इस घटना से उबरने में उनकी बेटियों की मदद नहीं कर पाएगी.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें