ADVERTISEMENTREMOVE AD

तीन साल बाद अचानक कैसे सामने आया शीना बोरा का सच? 

साल 2012 से लेकर 2015 तक यानी तीन साल शीना बोरा कैसे गायब रही? 

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

7 साल पहले आज ही के दिन 24 साल की एक लड़की की गला घोंटकर हत्या कर दी गई. उसके शव को मुंबई से करीब 103 किलोमीटर दूर रायगढ़ जिले के जंगलों में फूंक दिया गया. कुछ दिन बाद लोकल पुलिस को उस लड़की के अधजले शव के कुछ हिस्से मिलते हैं. पुलिस मरने वाले की शिनाख्त करने की कोशिश करती है. लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकलता. थक-हारकर पुलिस अधजले शव के बाकी बचे हिस्सों का भी अंतिम संस्कार कर देती है.

इस घटना के करीब तीन साल बाद अगस्त महीने में पुलिस श्यामवर राय नाम के शख्स को अवैध पिस्टल रखने के मामले में गिरफ्तार करती है. पूछताछ में राय बताता है कि वह कई जुर्मों में शामिल रह चुका है. इन जुर्मों में साल 2012 का एक मर्डर भी शामिल है. श्यामवर राय नाम का ये शख्स ही खुलासा करता है कि रायगढ़ के जंगलों में जलाया गया शव शीना बोरा का था.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कौन थी शीना बोरा?

शीना बोरा आईएनएक्स मीडिया ग्रुप की फाउंडर इंद्राणी मुखर्जी और उसके पहले पति सिद्धार्थ दास की बेटी थी. सिद्धार्थ दास से इंद्राणी मुखर्जी को मिखाइल बोरा नाम का एक बेटा भी है.

सीबीआई की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट के मुताबिक, इंद्राणी मुखर्जी, शीना और मिखाइल का परिचय सोसायटी में अपने भाई और बहिन के तौर पर कराती थी. इसके पीछे कारण ये था कि इंद्राणी मुखर्जी अपने पहले पति सिद्धार्थ दास को छोड़कर मुंबई आ चुकी थी. इसलिए वह नहीं चाहती थी कि इस बात का असर बिजनेस पर न पड़े.

शीना और मिखाइल शुरुआत में इंद्राणी के माता-पिता के पास गुवाहाटी में रहते थे. बाद में इंद्राणी शीना को मुंबई ले आई थी. इसी बीच इंद्राणी मुखर्जी ने कोलकाता के बिजनेसमैन संजीव खन्ना से शादी थी. इस शादी से इंद्राणी को एक और बेटी हुई, जिसका नाम विधि है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शीना बोरा और इंद्राणी मुखर्जी के बीच अच्छे रिश्ते नहीं थे. इंडिया टुडे ने एक रिपोर्ट में शीना बोरा की डायरी के हवाले से लिखा है-

अपने एक जन्मदिन के मौके पर शीना ने अपनी डायरे में लिखा, ‘हैप्पी बर्थडे टू मी, लेकिन मैं खुश नहीं हूं. ऐसा लगता है कि मेरी जिंदगी में कुछ भी नहीं है. मेरा भविष्य अंधकारमय है. मुझे अब मां से नफरत है. वह मां नहीं है, डायन है.’

इसके कुछ ही दिन बाद शीना बोरा मुंबई आ गई. यहां उसे मेट्रो वन में नौकरी मिल गई. इसी दौरान इंद्राणी ने तीसरी शादी अपने से उम्र में 16 साल बड़े बिजनेस टाइकून पीटर मुखर्जी से की. बाद में शीना बोरा कथित तौर पर पीटर मुखर्जी की पहली शादी से बेटे राहुल मुखर्जी के नजदीक आ गई.

धीरे-धीरे शीना और राहुल एक दूसरे के करीब आते चले गए. हालांकि, पीटर और इंद्राणी दोनों ही इस रिश्ते के खिलाफ थे.

न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक, इंद्राणी ने दोनों के रिश्ते को तोड़ने की कई कोशिशें की. इंद्राणी ने शीना के एक्स बॉयफ्रेंड कौस्तुभ को कॉल कर शीना को अपने साथ बेंगलुरु ले जाने को भी कहा.

कैसे हुआ शीना बोरा का कत्ल?

शीना बोरा मर्डर केस पर जर्नलिस्ट मनीष पचौली ने द शीना बोरा केस के नाम से किताब लिखी है.

किताब के मुताबिक, राहुल के साथ बेटी के रिश्ते से नाखुश इंद्राणी ने शीना को 24 अप्रैल 2012 को बांद्रा में एक प्रतिष्ठित शॉप के बाहर मिलने के लिए बुलाया. शीना को यहां राहुल ने ही छोड़ा.

किताब में बताया गया है-

इंद्राणी शीना से मिली और उसे अपने साथ शॉप के अंदर ले गईं. यहां इंद्राणी ने शीना को पीने के लिए पानी दिया और वापस उसे कार में ले आई. इस पानी में बेहोशी की दवाई मिली हुई थी. लिहाजा, दवा का असर होते ही शीना बेहोश होने लगी. इसी दौरान इंद्राणी मुखर्जी ने अपने ड्राइवर राय को इशारा किया. राय को मर्डर के बारे में इंद्राणी पहले ही बता चुकी थी. इसके बाद राय कार को बांद्रा में एक सुनसान इलाके में ले गया. जहां राय और खन्ना ने शीना को दबा लिया और इंद्राणी ने अपनी ही बेटी का गला घोंट दिया.

इसके बाद बॉडी को ठिकाने लगाने की बारी आई. उस रात इंद्राणी ने शीना की बॉडी को कार में ही रखने का फैसला किया. कार को वर्ली स्थित अपार्टमेंट के बाहर पार्क कर दिया गया. अगली सुबह तड़के ही तीनों कार को लेकर रायगढ़ के जंगलों में गए. यहां शीना के शव को पेट्रोल डालकर फूंक दिया.

साल 2012 से लेकर 2015 तक यानी तीन साल शीना बोरा कैसे गायब रही? तीन साल तक इंद्राणी ने पुलिस में रिपोर्ट क्यों नहीं लिखाई? तीन साल तक इंद्राणी झूठ क्यों बोलती रही कि शीना अमेरिका में है? तीन साल बाद अचानक शीना का सच कैसे सामने आया? कैसे पता चला कि शीना का कत्ल कर दिया गया है?
साल 2012 से लेकर 2015 तक यानी तीन साल शीना बोरा कैसे गायब रही? 
ADVERTISEMENTREMOVE AD

मुंबई पुलिस ने कैसे क्रेक किया केस?

साल 2015 में मुंबई पुलिस के कमिश्नर राकेश मारिया के पास एक गुमनाम शख्स का फोन आया. फोन करने वाले ने बताया कि शीना बोरा पिछले तीन साल से गायब है. मिड डे की रिपोर्ट के मुताबिक, मारिया ने खार पुलिस स्टेशन के इंचार्ज दिनेश कदम को जांच करने का आदेश दिया.

जांच की शुरुआत में ही शक की सुई इंद्राणी की ओर घूम गई. पुलिस ने इंद्राणी पर नजर रखनी शुरू कर दी. लेकिन पुलिस सीधे इंद्राणी तक नहीं पहुंच पा रही थी. इसी दौरान 21 अगस्त 2015 को मुंबई पुलिस 43 साल के श्याम मनोहर राय नाम के एक शख्स को गिरफ्तार करती है. राय को अवैध रूप से पिस्टल रखने के सिलसिले में गिरफ्तार किया जाता है. इसी मामले में पुलिस जब उससे पूछताछ करती है तो राय बताता है कि वो पहले भी कई जुर्म कर चुका है. इनमें 2012 में एक मर्डर भी शामिल है.

साल 2012 से लेकर 2015 तक यानी तीन साल शीना बोरा कैसे गायब रही? 
मुंबई पुलिस के तत्कालीन कमिश्नर राकेश मारिया
(फाइल फोटोः PTI)

राय ही वो शख्स था, जिसने पहली बार शीना बोरा मर्डर केस का खुलासा किया. राय ने बताया कि मर्डर करने के बाद उसने शव को रायगढ़ के जंगलों में जला और दफना दिया था.

इस सूचना के आधार पर मुंबई पुलिस, रायगढ़ पुलिस से संपर्क करती है. पता चलता है कि मई 2012 में लोकल पुलिस को एक महिला की जली हुई लाश के कुछ हिस्से मिले थे. इसके बाद मुंबई पुलिस की एक टीम फौरन रायगढ़ रवाना हो जाती है. राय की बताई जगह पर पुलिस खुदाई कराती है और शीना बोरा मर्डर केस के सच का एक सिरा पुलिस के हाथ लग जाता है.

इसके बाद मुंबई पुलिस श्याम मनोहर राय से सख्ती से पूछताछ करती है तब वो पहली बार बताता है कि वो कुछ वक्त पहले पीटर मुखर्जी की पत्नी इंद्राणी मुखर्जी का ड्राइवर था. और इंद्राणी के कहने पर ही उसने शीना बोरा नाम की महिला का कत्ल कर शव को जलाकर रायगढ़ के जंगल में दफना दिया था.

श्याम मनोहर राय ने पुलिस को बताया कि वो, उसका एक साथी और इंद्राणी शीना के साथ मुंबई के बांद्रा इलाके से रायगढ़ कार में गए थे. कार में ही उन्होंने पहले शीना की गला दबा कर हत्या कर दी और फिर रायगढ़ के सुनसान जंगल में पेट्रोल डालकर शव जलाने के बाद बाकी हिस्सा दफना दिया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

तीन साल तक कैसे गायब रही शीना बोरा?

इस मर्डर केस की सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि शीना बोरा का मर्डर साल 2012 में हुई था. लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी साल 2015 में हो पाई. यानी कि पूरे तीन साल तक किसी को भी ये जानकारी नहीं थी कि शीना बोरा का मर्डर हो चुका है.

दरअसल, शीना बोरा के गायब होने को लेकर किसी भी तरह की कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी. शीना बोरा के बारे में पूछे जाने पर इंद्राणी मुखर्जी अलग-अलग बयान देती रहती थी.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंद्राणी ने शीना का फोन रख लिया था और उन्होंने ही राहुल को शीना की तरफ से ब्रेकअप का मैसेज किया था. इसके बाद राहुल ने जब इंद्राणी से शीना के बारे में पूछा तो इंद्राणी ने ही राहुल से शीना का पीछा छोड़ देने को कहा था. तीन साल तक इंद्राणी मुखर्जी हर किसी को बोलती रही कि शीना अमेरिका में है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

शीना बोरा मर्डर केस में अब तक क्या हुआ?

शीना बोरा मर्डर केस में ड्राइवर श्यामवर राय, इंद्राणी मुखर्जी, इंद्राणी मुखजी के दूसरे पति संजीव खन्ना और तीसरे पति पीटर मुखर्जी को गिरफ्तार किया था. तब से सभी आरोपी जेल में हैं.

सीबीआई ने मुंबई की स्पेशल कोर्ट में कहा था कि पीटर मुखर्जी अपनी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी की बेटी शीना बोरा के साइलेंट किलर हैं. पीटर को इस सनसनीखेज हत्याकांड में शीना बोरा की हत्या के लिए 2015 में गिरफ्तार किया गया था.

फिलहाल, ये सनसनीखेज मर्डर केस न्यायालय में विचाराधीन है.

  • 24 अप्रैल 2012 | शीना बोरा ने की कंपनी मेट्रो वन को मेल पर उसका इस्तीफा मिला
  • 23 मई 2012 | रायगढ़ जिले में पुलिस को जंगल में एक अधजला शव मिला
  • 25 अगस्त 2015 | मुंबई पुलिस ने इंद्राणी मुखर्जी को गिरफ्तार किया
  • 26 अगस्त 2015 | इंद्राणी के पूर्व पति संजीव खन्ना को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया
  • 30 अगस्त 2015 | इंद्राणी, संजीव और श्यामवर राय को क्राइमसीन रीक्रिएट करने के लिए घटना स्थल पर ले जाया गया
  • 1 सितंबर 2015 | सिद्धार्थ दास ने स्वीकार किया कि वह शीना के बायोलॉजिकल पिता हैं
  • 2 सितंबर 2015 | पीटर मुखर्जी और इंद्राणी को आमने-सामने किया गया
  • 3 सितंबर 2015 | इंद्राणी ने अपनी भूमिका के बारे में बताया
  • 10 सितंबर 2015 | पुलिस को एक ईमेल मिला, जो इंद्राणी ने शीना और मिखाइल को भेजा था
  • 18 सितंबर 2015 | महाराष्ट्र सरकार ने ये केस सीबीआई को सौंप दिया
  • 30 सितंबर 2015 | सीबीआई ने इंद्राणी, संजीव और श्याम के खिलाफ केस दर्ज कराया

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×