सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने देश भर के हाईकोर्ट्स में बड़ी संख्या में खाली पदों को भरने के लिए 10 महिलाओं समेत 68 नामों की सिफारिश की है. यह पहली बार है जब कॉलेजियम ने पदों को भरने के लिए इतने नामों की सिफारिश एक साथ की है.
एनडीटीवी के मुताबिक, 1 सितंबर तक देश भर के 25 हाईकोर्ट में जजों के 1,098 पदों में से 465 पद खाली थे, जिसमें स्थाई जजों के 281 पद जबकि अतिरिक्त जजों के 184 पद थे.
इनमें से इलाहाबाद हाईकोर्ट में 68, पंजाब और हरियाणा में 40, कलकत्ता में 36 पद खाली हैं. कॉलेजियम ने 112 उम्मीदवारों के नामों पर विचार किया जिसमें 82 नाम बार से और न्यायिक सेवा से 31 नाम शामिल थे.
केरल के लिए 8, कलकत्ता और राजस्थान के लिए 6-6, गुवाहाटी और झारखंड के लिए 5-5 और मद्रास, छत्तीसगढ़ के लिए 2-2 और मध्य प्रदेश के लिए 1 जज चुना गया है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश ( Chief Justice of India) ) एनवी रमना ( NV Ramana) की अध्यक्षता में तीन सदस्यों वाली कॉलेजियम ने नामों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए 25 अगस्त और 1 सितंबर को बैठक की थी. इसमें जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit) और एएम खानविलकर (MM Khanwilkar), और मरली वानकुंग (Marli Vankung) शामिल थे.
कॉलेजियम ने राजस्थान, कलकत्ता, जम्मू और कश्मीर और कर्नाटक हाई कोर्ट के जजों के रूप में नौ 9 वकीलों को प्रोमोट करने की अपनी पिछली सिफारिश को भी दोहराया.
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