लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने अपनी मां और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी के घर के बाहर 'नो एंट्री नीतीश चाचा' का बोर्ड लगा दिया है. तेज प्रताप ने ये बोर्ड ठीक ऐसे वक्त में लगाया है जब महागठबंधन में आरजेडी की सहयोगी कांग्रेस पार्टी के कुछ विधायक नीतीश कुमार की तारीफ के साथ ही महागठबंधन में उनकी वापसी का सपोर्ट किया है.
बता दें कि तेज प्रताप ने रविवार को कहा था कि वह अपनी मां के घर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए ‘‘नो एंट्री’’ का बोर्ड लगवाना चाहते हैं. इसी बीच अपनी बात पर कायम रहते हुए तेज प्रताप ने मंगलवार को 10 सर्कुलर रोड, पटना स्थित अपनी मां राबड़ी देवी के आवास के गेट पर 'नो एंट्री चाचा नीतीश' का पोस्टर लगा दिया.
साथ ही तेज प्रताप ने कहा,
मेरा फेसबुक अकाउंट बीजेपी और आरएसएस ने हैक कर लिया था. मेरी बढ़ती लोकप्रियता के कारण नीतीश चाचा और सुशील मोदी चाचा ने मेरा सोशल मीडिया प्रोफाइल हैक कराया. मैं एफआईआर दर्ज कराऊंगा.
तेज प्रताप के अलावा लालू के छोटे बेटे तेजस्वी भी नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन में नो एंट्री की बता कह चुके हैं.
सुशील मोदी का लालू परिवार पर निशाना
रविवार को तेज प्रताप के नो एंट्री वाले बयान पर जेडीयू से लेकर बीजेपी तक ने निंदा की थी. बीजेपी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम सुशिल मोदी ने तो तेज प्रताप के इस बयान को लालू परिवार में पावर सेंटर बनने की होड़ से जोड़ दिया था. सुशिल मोदी ने कहा था,
लालू परिवार में हर कोई आंतरिक पावर सेंटर बनने की लड़ाई जीतने के लिए बढ़-चढ़ कर बयानबाजी कर रहा है. पारिवारिक राजनीति की विरासत के जिन दो सपूतों को नीतीश कुमार के चेहरे पर विधान सभा में पहली बार इंट्री मिली, वे सारे लोक-लिहाज ताख पर रख कर अपने घर मुख्यमंत्री के लिए नो इंट्री का बोर्ड लगवाना चाहते हैं.सुशिल मोदी, डिप्टी सीएम, बिहार
उन्होंने दावा किया कि अगले चुनाव में बिहार की जनता उन्हें नो इंट्री का बोर्ड दिखाने वाली है.
क्या है तेज प्रताप के फेसबुक हैक का मामला?
दरअसल, सोमवार को तेज प्रताप के फेसबुक पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट सामने आया. जिसमें तेज प्रताप के राजनीति छोड़ने और परिवार में उनकी बात ना सुनने की बात सामने आई थी. फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि,
जब वह महुआ विधानसभा में टी-पार्टी के लिए पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने कहा कि ओम प्रकाश यादव उर्फ भुट्टटू और एमएलसी सुबोध राय अफवाह फैला क उनकी छवि खराब कर रहे हैं. मैं इनकी शिकायत ममी-पापा (लालू, राबड़ी) से कई बार कर चुका हूं, लेकिन वे मेरी नहीं सुनते. उल्टा उन्हें ही डांट पड़ती है. इन वजहों से काफी दबाव में हैं और अगर ऐसा ही रहा तो राजनीति छोड़ देंगे.
बता दें कि साल 2017 में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ मिल कर सरकार बना लिया था.
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