बिहार में चुनाव होने जा रहे हैं, लेकिन चुनाव से ठीक पहले आरजेडी के पूर्व नेता शक्ति मलिक की हत्या हो गई थी. जिसके बाद आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप पर गंभीर आरोप लगाए गए थे. परिवार ने एफआईआर में उनका नाम भी लिया. लेकिन अब खुद तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वो इस हत्याकांड की सीबीआई जांच के निर्देश दें. इसके अलावा तेजस्वी ने ये भी लिखा कि, आप मुझे नामांकन भरने से पहले गिरफ्तार भी करवा सकते हैं.
FIR में नाम होने पर तेजस्वी की चिट्ठी
बिहार के पूर्णिया में कुछ दिन पहले आरजेडी के पूर्व स्टेट सेक्रेट्री शक्ति कुमार मलिक की कुछ लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस हत्या के बाद दर्ज हुई एफआईआर में 3 बड़े नाम शामिल थे. जिनमें तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और अनिल कुमार साधु का नाम लिया गया है. अब चुनाव से कुछ ही हफ्ते पहले तेजस्वी ने इस मामले को लेकर अपनी चिट्ठी में कहा,
“जैसा कि आपको विदित है कि कुछ दिन पहले पूर्णिया जिले के एक सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या की गई. व्यस्तता के कारण मुझे देर से मामले की जानकारी प्राप्त हुई. फिर हमने ये भी देखा कि एक प्रेरित FIR जिसमें मुझे और मेरे बड़े भाई को नामजद करने के बाद आपके मीडिया प्रबंधन के कौशल की कहानियां सामने आने लगीं. दिन रात आपने नेताओं की ओछी और आधारहीन टिप्पणियों के बावजूद मेरा मानना है कि कानून अपना काम करे.”
पूछताछ के लिए बुला सकते हैं
तेजस्वी यादव ने अपनी चिट्ठी में नीतीश कुमार से कहा कि वो गृहमंत्री होने के नाते उन्हें गिरफ्तार करवाकर पूछताछ करने के लिए भी बुला सकते हैं. उन्होंने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा,
“जैसा आपके शासन की प्रवृत्ति रही, सत्ता में बैठे लोग इसे प्रभावित करने के लिए भी स्वतंत्र हैं. आपके अपने ही लोग आपके आधीन काम कर रही बिहार पुलिस की साख और काबिलियत पर सवाल उठा चुके हैं. पीड़ित परिवार को जल्द न्याय मिले, इसी मंशा से मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इस मामले की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की किसी भी एजेंसी से जांच कराई जाए. गृहमंत्री के नाते आप चाहें तो नामांकन से पूर्व हमें गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए बुला सकते हैं. आशा है कि आप जांच सीबीआई को सौंपने का निर्देश देंगे.”
तेजस्वी पर क्या हैं आरोप?
शक्ति कुमार मलिक, जिनकी हत्या हुई वो पहले आरजेडी में एससी-एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव थे. आरजेडी से अलग होने के बाद उनका आरोप था कि जब वो तेजस्वी यादव से रानीगंज विधानसभा का टिकट मांगने गए तो उनसे 50 लाख रुपये की मांग की गई. मना करने पर अपशब्द भी कहे गए. इसके बाद से ही शक्ति मलिक लगातार सोशल मीडिया पर आरजेडी के खिलाफ बोलते रहे. उनकी हत्या के बाद परिवार ने भी तेजस्वी का नाम लिया. एलजेपी नेता राम विलास पासवान के दामाद पर आरोप है कि वो शक्ति मलिक को जान से मारने की धमकी देते थे.
इस मामले की एफआईआर में नाम दर्ज होने के बाद अब पुलिस कभी भी तेजस्वी यादव और उनके भाई से पूछताछ कर सकती है. लेकिन पूछताछ से पहले ही तेजस्वी यादव ने खुद ही सीएम को चिट्ठी लिखकर सीबीआई जांच की मांग कर दी है.
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