वीडियो एडिटर: अभिषेक शर्मा
एक 17 साल की लड़की सत्ताधारी दल के नेता पर रेप का आरोप लगाती है. फिर गायब हो जाती है. एक्शन न होने पर वो CM आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश करती है. फिर नेता का भाई लड़की के पिता को पीटता है. पुलिस लड़की के पिता को ही गिरफ्तार करती है. और फिर उनकी मौत हो जाती है. मामले में एक गवाह की भी संदिग्ध हालत में मौत होती है. 2 साल बाद युवती की कार को ट्रक कुचल देता है. उसकी मौसी और चाची की मौत होती है. लग सकता है कि ऐसा तो फिल्मों में होता है, लेकिन ये सच में हुआ है, यूपी में...
उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप मामले में एक के बाद एक बड़ी घटनाएं हो रही हैं. रविवार को एक ट्रक ने रेप पीड़िता और उसके परिवार के लोगों को टक्कर मार दी. हादसे में रेप पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गईं. पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि उनके वकील की भी हालत नाजुक है. बता दें कि उन्नाव रेप केस में मुख्य आरोपी बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर हैं. विधायक कुलदीप सेंगर बांगरमऊ से बीजेपी विधायक हैं. वे उन्नाव के अलग-अलग विधानसभा सीटों से चार बार से लगातार विधायक रहे हैं.
इस पूरे मामले में अब तक जो भी घटनाक्रम हुआ, उसे देखते हुए इस हादसे पर भी शक होना लाजिमी है. इस केस में ये पहली बार नहीं है, जो इस तरह का कोई हादसा हुआ हो.
आइए जानते हैं इस मामले में कब-कब, क्या हुआ?
4 जून 2017: उन्नाव की रहने वाली 17 साल की पीड़िता ने आरोप लगाया कि वो अपने एक रिश्तेदार के साथ बीजेपी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के घर नौकरी मांगने गई थी. तब विधायक ने अपने घर पर उसका रेप किया.
11 जून 2017: इसके बाद पीड़िता अचानक गायब हो गई.
12 जून 2017: पीड़िता की मां ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
20 जून 2017: उत्तर प्रदेश के औरैया के एक गांव से पुलिस ने पीड़िता को बरामद किया. उसे अगले दिन उन्नाव लाया गया.
22 जून 2017: पुलिस ने पीड़िता को कोर्ट में पेश किया, जहां 164 CRPC के तहत पीड़िता के बयान लिए गए. पीड़िता ने 164 CRPC के तहत कोर्ट में जो बयान दिया, उसमें 4 जून 2017 की घटना का जिक्र करते हुए विधायक का नाम शामिल नहीं किया गया. हालांकि बाद में पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बयान में विधायक का नाम नहीं लेने दिया.
30 जून 2017: पीड़िता को पुलिस ने उसके परिवारवालों को सौंप दिया. लेकिन तब पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगा. पीड़िता के चाचा ने SIT को जो बयान दिए, उसके मुताबिक, 30 जून 2017 को वो पीड़िता को लेकर दिल्ली चले गए थे.
1 अगस्त 2017: कोर्ट में चार्जशीट फाइल हुई, दो अभियुक्त गिरफ्तार हुए.
17 अगस्त 2017: पहली बार पीड़िता ने 4 जून की घटना के बारे में विभिन्न स्तरों पर शिकायत दी. लेकिन 164 CRPC के बयान में विधायक का जिक्र नहीं था. इस वजह से स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.
24 फरवरी 2018: पीड़िता की मां ने उन्नाव के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में सीआरपीसी के सेक्शन 156 (3) के तहत एफआईआर दर्ज कराने की मांग की.
3 अप्रैल 2018: कोर्ट ने पीड़िता की मां की अर्जी पर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद 3 अप्रैल को ही लड़की के पिता को कथित तौर पर विधायक सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके लोगों ने बुरी तरह पीटा. पुलिस ने उल्टा इस मामले में पीड़िता के पिता पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और दो दिनों तक हिरासत में रखा.
5 अप्रैल 2018: पिता की मेडिकल जांच के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. लड़की के पिता की पिटाई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
8 अप्रैल 2018: पीड़िता ने कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के सरकारी आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की.
9 अप्रैल 2018: दूसरी तरफ जिला जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई.
10 अप्रैल 2018: मामला तूल पकड़ा तो शासन के आदेश के बाद एसपी ने माखी एसओ समेत 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित और मारपीट के 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
10 अप्रैल 2018: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या की बात सामने आने पर पुलिस ने विधायक के भाई को गिरफ्तार कर लिया.
11 अप्रैल 2018: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले पर स्वतः संज्ञान लिया. इसके अलावा मामले को बढ़ता देख और हर तरफ से विरोध का सामना कर रही यूपी सरकार ने मामले को सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया.
12 अप्रैल 2018: सीबीआई ने विधायक कुलदीप सेंगर को नाबालिग से रेप का आरोपी बनाया.
13 अप्रैल 2018: कुलदीप सेंगर को सीबीआई ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया. बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
11 जुलाई 2018: सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुलदीप सेंगर का नाम था.
13 जुलाई 2018: दूसरी चार्जशीट फाइल की गई, जिसमें पीड़िता के पिता को कथित तौर पर फंसाने के मामले में कुलदीप सेंगर, उनके भाई, तीन पुलिसकर्मी और 5 और लोगों का नाम शामिल था.
18 अगस्त 2018: उन्नाव गैंगरेप केस में एक गवाह की संदिग्ध हालात में मौत हुई. उसके बाद बिना पोस्टमार्टम जल्दबाजी में उसे दफना दिया गया.
28 जुलाई 2019: रेप पीड़िता को ट्रक ने मारी टक्कर. मौसी और चाची की हुई मौत.
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