उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे को लेकर बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है. FIR में विधायक कुलदीप के अलावा उसका भाई मनोज सेंगर भी नामजद है. इसके अलावा 8 नामजद और 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी एफआईआर में नाम है. रेप पीड़िता के चाचा ने ये FIR दर्ज कराई है. FIR में आरोप है कि रेप पीड़िता की सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी ने ही परिवार के रायबरेली जाने की जानकारी विधायक को दी थी इसलिए वो साथ भी नहीं आए.
हादसे के वक्त पीड़िता की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे. एफआईआर में आरोप है कि पुलिस भी पीड़ित परिवार की नहीं सुनती है,
“पुलिस से शिकायत करो, तो पुलिस कहती है कि बीजेपी का विधायक है, पार्टी अभी सत्ता में है. जैसा ये लोग आपसे कहते हैं वैसा कर लो. इसी में आपकी भलाई है.”FIR में दर्ज शिकायतकर्ता के बयान का हिस्सा
शिकायतकर्ता फिलहाल जेल में बंद है, FIR में उसका कहना है कि उसकी पत्नी और दूसरे रिश्तेदार जेल में मिलने आते थे और इस दौरान अपने साथ हो रही घटनाओं का जिक्र करते थे.
आरोप है कि बीजेपी का विधायक कुलदीप सिंह सेंगर गांव में अपने आदमियों के नंबर से फोन मिलाकर जबरन पीड़ितों से बात करता था और उन्हें अदालत में अपने बयान बदलने की धमकी देता था.
‘’कुलदीप, मनोज, समेत गांव के 15-20 लोग उन्हें बार-बार धमकी देते कि विधायक से सुलह कर लो, नहीं तो तुम सारे लोगों घूमते फिरते मरवा दिया जाएगा.’’FIR में दर्ज शिकायतकर्ता के बयान का हिस्सा
विधायक और उसके आदमी धमकी देते हुए कहते-
‘’जेल में चाचा से मिलना बंद कर दो. उसे हम लोगों ने ही जेल में रखने का प्रोग्राम बनाया है. 10-15 साल बाद जब वो जेल से छूटकर आएगा, तो उसका भी काम करवा दिया जाएगा. विधायक कुलदीप के साथ सरकार खड़ी है. तुम अपने परिवार के जान की सलामती चाहते हो, तो सुलह कर लो तो जान बच जाएगी.’’FIR में दर्ज शिकायतकर्ता के बयान का हिस्सा
शिकायतकर्ता ने FIR में और क्या-क्या कहा-
- ‘’वो कहते, उन्नाव के ASP राम लाल वर्मा को विधायक ने अपने भाई से गोली मारकर मरवा दिया. वो कुछ नहीं कर पाया. तो सोच लो विधायक क्या चीज है.’’
- ‘’मुझे बिना वजह उन्नाव से रायबरेली के जेल भेज दिया गया. मैंने इसकी बहुत बार शिकायत रजिस्ट्री के माध्यम से की.’’
- ‘’मैंने कहा था कि मुझे उन्नाव जेल में ही रखा जाए, वरना मेरे परिवार की किसी न किसी तरीके से हत्या करवा दी जाएगी. 28 जुलाई को मेरी पत्नी, साली और रेप पीड़िता मुझसे जेल में मिलने आ रहे थे. उनके पास कागजात थे कि क्या आगे करना है.’’
- ‘’मैंने उनसे पिछली मुलाकात में कहा था कि सारे कागजातों को रायबरेली लेकर आ जाओ. यहीं से वकील कर लेंगे. लेकिन ये जानकारी उन्नाव पुलिस की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने विधायक को दे दी और साथ में नहीं आए.’’
- ‘’विधायक के आदमियों ने मेरी पत्नी, साली और रेप पीड़िता की गाड़ी पर हत्या की साजिश से टक्कर मार दी.’’
- ‘’मुझे पूरा यकीन है कि उस टक्कर मारने वाली गाड़ी का संबंध विधायक और विधायक के आदमियों से है.’’
कुलदीप और सभी लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 506, 120B के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. खास बात ये है कि एफआईआर की कॉपी में किसी भी आरोपी का वर्तमान पता नहीं लिखा है.
- धारा 302- हत्या
- धारा 307- हत्या की कोशिश
- धारा 506- जान से मारने की धमकी देना
- धारा 120B- आपराधिक साजिश
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