नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं. उनके साथ कई मंत्री भी शाम सात बजे शपथ लेंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद प्रधानमंत्री और मंत्रियों को शपथ दिलाएंगे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शपथ के दौरान पीएम से लेकर मंत्री किन शब्दों को पढ़ेंगे. संविधान में लिखी किन बातों पर चलने की शपथ लेते हैं?
आइए जानते हैं नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट अपने शपथ समारोह में क्या कहेंगे.
बता दें कि शपथ दो हिस्से में बंटा होता है. पहला हिस्सा पद के लिए होता है. दूसरा हिस्सा गोपनीयता की शपथ होता है. बता दें कि संविधान के 16वें संशोधन अधिनियम और 1963 की धारा 5 से पद की शपथ को लिया गया है. पीएम मोदी इन शब्दों को पढ़कर लेंगे शपथ:
‘मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी... ईश्वर की शपथ लेता हूं कि...मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा. मैं भारत की प्रभुता और अखंडता को अक्षुण्ण रखूंगा. मैं संघ के प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंत:करण से निर्वहन करूंगा...तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा.’
गोपनीयता की शपथ
‘मैं नरेंद्र दामोदर दास मोदी ईश्वर की शपथ लेता हूं कि जो विषय संघ के प्रधानमंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा, उसे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को तब के सिवाय, जबकि प्रधानमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो, मैं प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा.’
इन वाक्यों में कुल 148 शब्द होते हैं. ये वाक्य प्रधानमंत्री से लेकर उनके मंत्रिमंडल के सदस्य पढ़ेंगे.
शपथ से पहले क्या होगा?
प्रधानमंत्री शपथ लेने से पहले अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के नामों की लिस्ट राष्ट्रपति को भेजते हैं. इसी आधार पर मंत्रियों को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया जाता है. फिलहाल मोदी सरकार के मंत्रियों के नाम अभी तक सामने नहीं आये हैं. लेकिन कुछ नामों की चर्चा तेज है.
प्रधानमंत्री के बाद मंत्री लेंगे शपथ
प्रधानमंत्री के बाद मंत्रियों को शपथ दिलाई जाती है. आम तौर पर पीएम के बाद गृहमंत्री शपथ लेते हैं. इसमें सबसे पहले कैबिनेट, उसके बाद स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों और आखिर में राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई जाती है.
शपथ पर मुहर
पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री और सरकार के मंत्री एक संवैधानिक परिपत्र पर दस्तखत करते हैं. इसके बाद ये परिपत्र राष्ट्रपति के पास जमा हो जाता है. ये एक संवैधानिक दस्तावेज होता है, जो हमेशा के लिए सुरक्षित रखा जाता है.
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