मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद अब गोवा की राजनीति में बीजेपी के लिए परेशानी बढ़ गई है. गोवा में बीजेपी की सहयोगी पार्टियां सवाल उठा रही हैं कि अब मुख्यमंत्री किस पार्टी से और कौन बनेगा. इसी को देखते हुए रविवार रात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गोवा पहुंचे जहां उन्होंने अपनी पार्टी समेत सहयोगी पार्टियों के नेताओं के साथ बैठक की.
बता दें कि मनोहर पर्रिकर गोवा में गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी और निर्दलियों के साथ गठबंधन सरकार चला रहे थे. राजनीतिक संकट को देखते हुए कांग्रेस एक दिन पहले ही राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश कर चुकी है.
‘हमने मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया था न कि बीजेपी को’
मुख्यमंत्री के नाम को लेकर नितिन गडकरी के साथ महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (MGP) के नेता सुदिन धवलीकर और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विजय सरदेसाई ने अलग-अलग मीटिंग की. मीटिंग में विजय सरदेसाई अपनी पार्टी के दो विधायकों विनोद पालीकर और जयेश सलगांवकर के साथ आए थे. उनके साथ दो निर्दलीय विधायक रोहन खवंटे और गोविंद गावडे भी थे.
मीटिंग के बाद विजय सरदेसाई ने मीडिया से कहा,
‘हमने मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया था न कि बीजेपी को. अब जब वह नहीं रहे तो विकल्प खुले हुए हैं. हम गोवा में स्थिरता चाहते हैं. हम नहीं चाहते हैं कि सदन को भंग किया जाए. हम बीजेपी विधायिका दल के फैसले का इंतजार करेंगे और उसके बाद अगला कदम उठाएंगे.
वहीं नितिन गडकरी के साथ मीटिंग के बाद एमजीपी के सुदीन धावलिकर ने बताया कि वह अपने विधायकों के साथ चर्चा के बाद एक घंटे में फैसला करेंगे. उन्होंने कहा, “मैं अपनी पार्टी की कार्यकारिणी कमिटी की मीटिंग में जा रहा हूं, मैं उनका प्रस्ताव लूंगा. एक घंटे के बाद हम जान सकेंगे कि उम्मीदवार कौन हैं.”
‘सुदीन धावलिकर बनना चाहते हैं मुख्यमंत्री’
गोवा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने कहा, ''सुदीन धावलिकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वो बीजेपी को समर्थन देकर कई बार बलिदान दे चुके हैं. उन्होंने अपनी मांग को सामने रखा लेकिन बीजेपी इस पर सहमत नहीं हुई.''
गोवा में कांग्रेस ने पेश किया सरकार बनाने का दावा
गोवा में कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा को शनिवार को लेटर लिखकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. पार्टी ने दावा किया कि बीजेपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा के निधन के बाद मनोहर पर्रिकर सरकार ने विधानसभा में अपना बहुमत खो दिया है. 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में फिलहाल 37 विधायक हैं. इनमें से 14 विधायक कांग्रेस के हैं, जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या 13 है.
कांग्रेस ने राज्यपाल को लिखे अपने लेटर में कहा, ''हमारा अनुमान है कि बीजेपी की संख्या में और कमी आएगी. अल्पमत में होने वाली इस तरह की पार्टी को सत्ता में बने रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. इसलिए यह आप पर निर्भर है कि आप बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को बर्खास्त करें और यह सुनिश्चित करें कि कांग्रेस पार्टी, जो सदन में सबसे बड़ी पार्टी है और अभी जिसके पास बहुमत है, उसे सरकार बनाने के लिए बुलाया जाए.''
बता दें 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. 40 सीटों वाली विधानसभा में पार्टी को 17 सीटें मिली थीं. वहीं बीजेपी को 13 सीटों पर जीत दर्ज हुई थी. इसके बावजूद बीजेपी कुछ निर्दलीय और कांग्रेसी विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाने में कामयाब हो गई थी.
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