2जी घोटाला जब सामने आया था, तो इसने राजनीति में बेहद उथल-पुथल मचा दी थी. अब जब इसका फैसला आया है, तो यह भी बड़ी राजनीतिक हलचल का संदेश दे रहा है. राहुल गांधी, मनमोहन सिंह और एनडीए नेता, सभी हरकत में आ गए हैं. राहुल और मनमोहन, दोनों ने डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि की बेटी कनिमोझी से फोन पर बात की है, जो टू जी मामले से बरी हो गई हैं.
2G को ऐसा घोटाला कहा जा सकता है, जिसने यूपीए की सरकार गिरा दी, डीएमके और इसके सुप्रीमो करुणानिधि की इमेज खराब की, लेकिन सात साल बाद कोई दोषी नहीं निकला. अब कांग्रेस और डीएमके, दोनों मौजूदा एनडीए सरकार को निशाने पर ले रहे हैं.
डीएमके ने कोर्ट का फैसला आने के कुछ देर बाद ही ऐलान किया कि वो एनडीए में शामिल नहीं होगी.
एनडीए में शामिल होने से डीएमके का इनकार
सीधे तौर पर ये नहीं कहा जा सकता कि बरी होने के बाद डीएमके ने ये फैसला किया. पर ये सच है कि 2G स्पेक्ट्रम मामले में सबसे ज्यादा बदनामी डीएमके को ही झेलनी पड़ी थी. डीएमके नेता ए राजा और करुणानिधि की बेटी कनिमोझी, दोनों इसमें आरोपी थे. राजा तो उस वक्त टेलीकॉम मंत्री थे.
2जी स्पेक्ट्रम मामले में 1.76 लाख करोड़ के घोटाले के आरोप को बीजेपी ने पूरे जोर-शोर से उठाया था. इसमें करीब करीब सभी जानकार एकमत है कि टूजी की वजह से ही मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार की इतनी करारी हार हुई थी.
यूपीए और एनडीए, दोनों अब 2019 के चुनाव को ध्यान में रखकर चालें चलने लगे हैं. इसमें तमिलनाडु की भूमिका दोबारा अहम हो सकती है. इसे इस तरह देखा जा सकता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फैसला आने के कुछ देर बाद ही करुणानिधि की बेटी कनिमोझी से फोन पर बात भी कर ली.
2G से डीएमके ने बहुत बदनामी झेली
डीएमके पर बीजेपी और कांग्रेस, दोनों की नजरे हैं. उसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि तमिलनाडु में जयललिता के निधन के बाद जिस तरह सत्तारूढ़ AIADMK का ग्राफ गिरा है, उससे अगले चुनाव में डीएमके के लिए संभावनाएं बहुत बढ़ गई हैं. यही वजह है कि बीजेपी की अगुआई वाली एनडीए सरकार भी डीएमके को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है.
नवंबर में चेन्नई यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमके सुप्रीमो एम करुणानिधि से मुलाकात भी की थी. तब अनुमान लगाए जा रहे थे कि बीजेपी भी चाहती है कि एनडीए में डीएमके को शामिल किया जाए.
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