महाराष्ट्र में शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की सरकार बनने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है. तीनों राजनीतिक पार्टियों की विचारधारा अलग-अलग होने के चलते इस गठबंधन की चर्चा ने ही सभी को हैरान कर दिया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक एक कार की सवारी ने राज्य में सरकार बनाने का समीकरण ही बदलकर रख दिया.
शरद पवार और संजय राउत की कार राइड
एनसीपी के शीर्ष सूत्र ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा कि 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर दोपहर तक सामने आ गए, जिसके बाद शरद पवार टहलने के लिए अपने आवास से बाहर निकले और रास्ते में शिवसेना के नेता संजय राउत से मिले. दोनों ने इसके बाद साथ में एक कार में कुछ किलोमीटर तक सफर किया.
इसके बाद कई बार संजय राउत, पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच संदेशों का आदान प्रदान करते रहे.
इस बीच, पवार ने यह बनाए रखा कि वह राजनीति के इस खेल में शामिल नहीं है, लेकिन इसके बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट कर कहा, "भारतीय राजनीति के तथाकथित चाणक्य को पवार साहब ने मात दे ही दी, महाराष्ट्र को दिल्ली का तख्त झुका नहीं पाया. जय महाराष्ट्र!"
एनसीपी के दिग्गज नेता से आश्वासन मिलने के बाद शिवसेना ने अपनी पुरानी साथी बीजेपी का साथ छोड़ दिया और अलग राह पकड़ ली.
लेकिन, एक बड़ी बाधा तब आई जब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विचारधारा को आधार बताते हुए शिवसेना के साथ सरकार गठन को सिरे से खारिज कर दिया. लेकिन पार्टी विधायकों के दबाव और एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं के कहने पर उन्होंने अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए सरकार बनाने को मंजूरी दे दी.
(इनपुट: आईएएनएस)
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