यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) में अब चंद महीने ही बचे हैं. चुनाव करीब आते ही नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) आजकल जहां सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को 'बाबा' कहकर संबोधित कर रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री अखिलेश को 'बबुआ' नाम से बुला रहे हैं.
अखिलेश का 'बाबा' तंज
शनिवार, 6 नवंबर को अखिलेश यादव ने एक कॉन्फ्रेंस प्रेस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 'बाबा' कहकर संबोधित किया. उन्होंने सीएम योगी के विधानसभा चुनाव लड़ने के बारे में कहा, ''बाबा को को चुनाव नहीं लड़ना चाहिए, वो जा रहे हैं.जाने वाले से क्या लेना-देना.''
अखिलेश ने अपने विधानसभा चुनाव लड़ने पर कहा, ''पार्टी यह तय करेगी कि मुझे चुनाव लड़ना है या नहीं. अगर हम चुनावी मैदान में हैं तो चुनाव से पीछे कैसे हट सकते हैं.'' पूर्व मुख्यमंत्री ने जिन्ना वाले अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी के लोगों को किताबें फिर से पढ़नी चाहिए.
योगी ने किया पलटवार
अखिलेश के 'बाबा' कहकर बुलाने के बाद योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करने में देर नहीं लगाई, उन्होंने चंद घंटों के बाद ही एसपी चीफ को 'बबुआ' कहकर पलटवार किया.
योगी ने अखिलेश को उनके गृह जिले इटावा में 'बबुआ' कहकर तंज कसा. उन्होंने कहा कि
मैं यहां कोरोना के दौरान 2 बार आया हूं, लेकिन दूसरी पार्टियां संकट के समय होम आइसोलेशन में थीं. उन्हें चुनाव के दौरान भी घर पर ही रहना चाहिए. जनता को इनको इसी तरीक से जवाब देना चाहिए. उन्हें कहिए कि 'बबुआ' ये ट्विटर ही वोट भी दे देगा.
योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा, ''केवल बीजेपी सरकार में ऐसा होता है कि हम प्रोजेक्ट का शिलान्यास भी करते हैं और फिर उद्घाटन भी. जब नीयत साफ नहीं हो, बेईमानी और भ्रष्टाचार का शासन हो तो शिलान्यास के बाद जनता उद्घाटन करने लायक नहीं छोड़ती है.''
योगी ने अपने भाषण में कब्रिस्तान, जिन्ना का भी जिक्र किया. उन्होंने अखिलेश और सुहलदेव समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले पैसे कब्रिस्तान की दीवार बनाने में खर्च किए जाते थे, अब विकास में खर्च होते हैं. कोई माफिया की तारीफ कर रहा है तो कोई जिन्ना को अपना आदर्श मान रहा है.
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