ADVERTISEMENTREMOVE AD

BJP के खिलाफ जांच कर रहीं अवनि‍ चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की बेटी

पीएम मोदी को चुनाव आयोग की तरफ से मिले क्लीन चिट को लेकर अशोक लवासा ने आपत्ति जताई थी.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

चुनाव नियमों को सख्ती से लागू कराने को लेकर इन दिनों दो लोग चर्चा में हैं. एक हैं चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और दूसरी हैं लेह की डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर अवनि‍ लवासा. खास बात ये है कि इन दोनों का प्रोफेशनल के अलावा पर्सनल कनेक्शन भी है. अवनि, अशोक लवासा की बेटी हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

अवनि लवासा ने क्या किया?

जम्मू-कश्मीर के लेह में पत्रकारों को रिश्वत देने के आरोप में बीजेपी नेताओं की जांच कर रही डिप्टी इलेक्शन ऑफिसर अवनि‍ लवासा आजकल सुर्खियों में हैं. अवनि ने उन बीजेपी नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने के लिए भी कोर्ट में आवेदन दिया है.

लद्दाख में 6 मई को वोटिंग हुई थी, इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, अवनि‍ लवासा ने बताया है कि शुरुआती तौर पर मीडियावालों का घूस देने की बात सच पाई गई है. अभी तक इस मामले में तीन शिकायतें की गई हैं.

अशोक लवासा ने क्या किया?

पीएम मोदी पर कांग्रेस ने आचार संहिता उल्लंघन के आरोप लगाए. अब तक आठ मामलों में चुनाव आयोग पीएम मोदी को क्लीन चिट दे चुका है. इस क्लीन चिट पर सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस तो सुप्रीम कोर्ट भी गई. पीएम मोदी को चुनाव आयोग की तरफ से मिले क्लीन चिट को लेकर चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने आपत्ति जताई थी. पीएम के भाषणों के खिलाफ शिकायत की जांच के लिए गठित समिति में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा, अशोक लवासा और सुशील चंद्रा शामिल थे. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा चाहते थे कि भाषण पर शिकायत को लेकर पीएम मोदी को 'फॉर्मल लेटर' भेजा जाए. लेकिन अशोक लवासा की राय शामिल नहीं की गई. बाकी के दोनों मुख्य चुनाव आयुक्त ने पीएम के भाषण में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं पाया.

हिंदुस्तान टाइ्मस की खबर के मुताबिक मुताबिक इस मामले से जुड़े लोगों ने नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर बताया कि लवासा की असहमति को रिकॉर्ड में नहीं रखा गया, लेकिन अंतिम आदेश में इसे शामिल किया जा सकता है. उसके बाद उसे सार्वजनिक किया जाएगा

ये भी पढ़ें- लेह : पत्रकारों को घूस देने के मामले में BJP के खिलाफ जांच के आदेश

अशोक लवासा की छवि ईमानदार अफसर की

1980 बैच के रिटायर्ड अशोक लवासा को 2018 में चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था. हरियाणा कैडर के अधिकारी लवासा पहले नागरिक उड्डयन और पर्यावरण मंत्रालय में सचिव के तौर पर रह चुके हैं. 2017 में वो वित्त सचिव के तौर पर रिटायर हुए थे. हरियाणा में उनकी छवि एक ईमानदार अधिकारी की रही है.

ये भी पढ़ें- पीएम मोदी को चुनाव आयोग से मिली क्लीन चिट, इतनी भी ‘क्लीन’ नहीं

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×