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SP-BSP गठबंधन का अंत, मायावती ने किया अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान

मायावती ने ट्विटर पर किया भविष्य में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान

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यूपी में लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हुआ एसपी-बीएसपी गठबंधन पूरी तरह से धराशायी हो चुका है. अब बीएसपी प्रमुख मायावती ने ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी हर चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी. इससे ठीक पहले मायावती ने लोकसभा चुनाव में हार को लेकर अखिलेश यादव को जमकर निशाने पर लिया था.

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'SP के बर्ताव ने किया सोचने पर मजबूर'

मायावती ने ट्विटर पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करते हुए लिखा, 'जगजाहिर है कि सपा के साथ सभी पुराने गिले-शिकवों को भुलाने के साथ-साथ सन् 2012-17 में सपा सरकार के बीएसपी व दलित विरोधी फैसलों, प्रमोशन में आरक्षण विरूद्ध कार्यों एवं बिगड़ी कानून व्यवस्था आदि को दरकिनार करके देश व जनहित में सपा के साथ गठबंधन धर्म को पूरी तरह से निभाया, परन्तु लोकसभा आमचुनाव के बाद सपा का व्यवहार बीएसपी को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या ऐसा करके बीजेपी को आगे हरा पाना संभव होगा? जो संभव नहीं है. अतः पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब बीएसपी आगे होने वाले सभी छोटे-बड़े चुनाव अकेले अपने बूते पर ही लड़ेगी'

इससे पहले मायावती ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर हार का ठीकरा फोड़ते हुए यूपी में अकेले विधानसभा उपचुनाव लड़ने की बात कही थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि बीएसपी को एसपी के वोट नहीं मिले और पार्टी को गठबंधन का फायदा नहीं हुआ
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मीडिया ने दी गलत जानकारी: मायावती

मायावती ने ट्वीट करते हुए बताया कि अलग चुनाव लड़ने का फैसला बीएसपी की आल इण्डिया बैठक में लिया गया है. लेकिन इस बैठक के बारे में मीडिया ने गलत जानकारी दी. उन्होंने लिखा, 'बीएसपी की आल इण्डिया बैठक कल लखनऊ में ढाई घण्टे तक चली. इसके बाद राज्यवार बैठकों का दौर देर रात तक चलता रहा जिसमें भी मीडिया नहीं था. फिर भी बीएसपी प्रमुख के बारे में जो बातें मीडिया में फ्लैश हुई हैं वे पूरी तरह से सही नहीं हैं जबकि इस बारे में प्रेसनोट भी जारी किया गया था'.

मायावती ने रविवार को पार्टी में बड़ा बदलाव करते हुए अपने भतीजे और भाई को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी. उन्होंने भतीजे आकाश को नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी, वहीं भाई आनंद कुमार को फिर से पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया
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निशाने पर अखिलेश यादव

मायावती ने बीएसपी की बैठक में गठबंधन को जमकर कोसा. उन्होंने इस बैठक में कहा था कि फैसला सोच समझकर लिया गया था, लेकिन जो नतीजे आने चाहिए थे वो नहीं आए. उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि, चुनाव नतीजों के बाद अखिलेश ने एक बार भी उनसे बात नहीं की. एसपी की तरफ से जो सहयोग मिलना चाहिए था पार्टी को वो नहीं मिल पाया.

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