कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जजों और विपक्ष के नेताओं के फोन की जासूसी कराई है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि हमें शक है कि इस लिस्ट में विपक्ष के नेताओं, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के फोन भी हैक हुए हैं. साथ ही राहुल गांधी ने एक बार फिर राफेल के बहाने सरकार पर निशाना साधा है.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सरकार का WhatsApp से पूछना कि Pegasus को नागरिकों की जासूसी के लिए किसने खरीदा वैसा ही है, जैसे मोदी जी दसॉ एविएशन से पूछे कि राफेल डील से किसे फायदा हुआ.’’
कोर्ट की निगरानी में हो जांच- सुरजेवाला
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, गुरुवार सुबह भारत के लोगों को चौंका देने वाली खबर मिली जिसमें कहा गया कि कई सारे पत्रकारों, जजों, वकीलों, एक्टिविस्ट, दलित और मानवाधिकार की लड़ाई लड़ने वालों के फोन हैक हुए. सुरजेवाला ने कहा कि इसमें कई सारे विपक्ष के नेता और सुप्रीम कोर्ट के जजों का भी फोन शामिल हो सकता है.
बता दें कि पैगेसस नाम का स्पाईवेयर सिर्फ व्हाट्सएप तक ही पहुंच नहीं बना सकता बल्कि फोन के फ्रंट कैमरा और माइक्रोफोन से भी हर तरह की क्रियाकलापों की निगरानी करने के लिए इस्तेमाल हो सकता है. इससे किसी के भी पासवर्ड, कॉन्टैक्ट लिस्ट, वॉयस कॉल और टेक्सट मैसेज पर असर हो सकता है.
फेसबुक की कंपनी व्हाट्सएप ने इस बात को स्वीकारा है कि 1400 लोग इसके शिकार हुए हैं और इनमें से ज्यादातर भारतीय हैं. दावा है कि ये आंकड़े बहुत बड़े भी हो सकते हैं फेसबुक को खुद भी अभी पुख्चा आंकड़ों के बारे में नहीं पता.
कांग्रेस ने पूछे तीन सवाल
इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने सरकार से तीन सवाल पूछे हैं.
- भारत की किस एजेंसी ने सर्विलांस करने वाला सॉफ्टवेयर पैगेसस खरीदा?
- पैगेसस सर्विलांस को खरीदने के लिए प्रधानमंत्री या एनएसए, कौन अधिकृत था?
- पत्रकारों, जजों, वकीलों, एक्टीविस्ट, दलित और मानवाधिकार की लड़ाई लड़ने वालों के फोन हैक करने वाले अगर पकड़े जाते हैं तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी?
कांग्रेस ने मांग की है सुप्रीम कोर्ट इस मामले का संज्ञान ले और बीजेपी की एजेंसीयों कि ओर से अवैध सर्विलांस किया गया अपने निगरानी में उसकी जांच कराए.
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