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इन कांग्रेस नेताओं ने पार्टी से अलग किया आर्टिकल 370 का समर्थन

आर्टिकल 370 पर बंट गई कांग्रेस, कई सीनियर नेताओं ने पार्टी से अलग रखी राय

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राज्यसभा में आर्टिकल 370 को हटाने और कश्मीर के पुनर्गठन का बिल पास हो गया है. बीजेपी सरकार ने अपने किए एक वादे को पूरा किया लेकिन कांग्रेस ने इसका पुरजोर विरोध किया है. 370 को हटाने के लिए सरकार ने जिस तरीके से काम किया है, कांग्रेस उसका विरोध कर रही है. इसके बावजूद कुछ ऐसे कांग्रेसी नेता भी हैं जो सरकार के
इस कदम के समर्थन में हैं. हालांकि, ये नेता भी ‘बीजेपी के तरीके’ को पूरी तरह से सही नहीं बता रहे हैं.

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सबसे पहले कांग्रेस के व्हिप और राज्यसभा सांसद भुभनेश्वर कलिता ने कांग्रेस के रुख के खिलाफ जाकर राज्यसभा से इस्तीफा तक दे दिया और कहा कि कांग्रेस आत्महत्या कर रही है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया

इस लिस्ट में सबसे बड़ा नाम कांग्रेस के महासचिव और सीनियर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का है, सिंधिया ने ट्वीट किया, ‘‘ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर उठाए गए कदम और भारत देश मे उनके पूर्ण रूप से एकीकरण का मैं समर्थन करता हूं. संवैधानिक प्रक्रिया का पूर्ण रूप से पालन किया जाता तो बेहतर होता, साथ ही कोई सवाल भी खड़े नहीं होते. लेकिन ये फैसला राष्ट्र हित मे लिया गया है और मैं इसका समर्थन करता हूं.’’

दीपेंद्र हुड्डा

रोहतक से कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा जो लोकसभा में कांग्रेस के व्हिप भी रह चुके हैं, ने ट्वीट किया, ‘‘मेरा पहले से ये विचार रहा है कि 21वीं सदी मे अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा देश की अखण्डता और जम्मू-कश्मीर की जनता जो हमारे देश का अभिन्न अंग है के हित मे भी है. मगर पूरी तरह से मौजूदा सरकार की जिम्मेदारी है की इस का इंप्लीमेंटेशन शांति और विश्वास के वातावरण मे हो.’’

अदिति सिंह

रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह ने सोमवार को ही ट्वीट किया, ‘एकजुट हैं और हम खड़े हैं, जय हिंद.’’ अदिति सिंह ने बाद में मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से इस फैसले के समर्थन में हूं. इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर मुख्यधारा से जुड़ेगा. ये ऐतिहासिक फैसला है. इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. एक विधायक के तौर पर मैं इसका समर्थन करती हूं.’’

भुभनेश्वर कलिता

कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य और व्हिप भुभनेश्वर कलिता ने अपनी पार्टी के फैसले के खिलाफ जाकर व्हिप जारी नहीं किया. साथ ही जब राज्यसभा में बहस जारी थी उसी बीच कलिता ने ट्वीट करके कहा कि वो इस्तीफा दे चुके हैं. बाद में सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी भी वायरल हुई जो कलिता कि ओर से लिखी गई बताई गई. इस चिट्ठी में लिखा था कि कांग्रेस आर्टिकल 370 हटाने के फैसले के खिलाफ जाकर आत्महत्या कर रही है.

रंजीता रंजन

कांग्रेस की पूर्व लोकसभा सांसद और बीजेपी के खिलाफ मुखर होकर बात रखने वालीं रंजीता रंजन ने कहा, ‘‘हम विपक्ष में हैं इसलिए लोग हमसे अपेक्षा रखते हैं कि हम विरोध में हैं. मेरी राय में 370 हटना था क्योंकि ये टेंपररी था हमारी सरकार ने भी इसमें से कई क्लॉज हटाए थे. मेरी राय में ये सही था. ’’

जनार्दन द्विवेदी

कांग्रेस के सीनियर नेता और सोनिया गांधी के करीबी माने जाने वाले जनार्दन द्विवेद ने कहा, ‘‘मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया हमेशा आर्टिकल 370 के विरोध में थे. आज एक ऐतिहासिक भूल को सुधारा गया है. भले ही देरी से लेकिन मैं इसका स्वागत करता हूं.’’

मिंलिंद देवरा

मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मिलिंद देवरा ने ट्वीट किया, ‘‘पार्टियों को अपनी विचारधारा को परे रखते हुए इस बात पर बहस करनी चाहिए कि भारत के लिए क्या सही है. जम्मू-कश्मीर में शांति, कश्मीरी यूथ के लिए नौकरियां और कश्मीरी पंडितों के लिए न्याय.’’

अशोक चांदना

राजस्थान के खेल और ट्रांसपोर्ट मंत्री अशोक चांदना ने भी आर्टिकल 370 के हटाए जाने के समर्थन में ट्वीट किया. चांदना ने लिखा, ‘‘ये मेरी निजी राय है, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाना सरकार का पहला फैसला है जिसका मैं स्वागत करता हूं. इसको शांति और विश्वास के माहोल में लागू किया जाए ताकि भविष्य में देश के किसी नागरिक को कोई समस्या ना हो. ’’

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