बीजेपी के कुछ नेताओं ने हाल में कई विवादास्पद बयान दिए हैं. त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के बाद अब गुजरात विधानसभा के स्पीकर राजेंद्र त्रिवेदी ने विवादित बयान दिया है.
त्रिवेदी ने डॉ. बीआर अंबेडकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ब्राह्मण' बताया है. इतना ही नहीं, उन्होंने भगवान कृष्ण को 'ओबीसी' कहा है.
गांधीनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजेंद्र तिवारी ने कहा:
“मुझे ये कहने में हिचकिचाहट नहीं है कि डॉ. बीआर अंबेडकर ब्राह्मण थे. किसी शिक्षित व्यक्ति को ब्राह्मण कहने में कुछ भी गलत नहीं है. उसी संदर्भ में मैं कहूंगा कि पीएम नरेंद्र भी ब्राह्मण हैं.”राजेंद्र त्रिवेदी, गुजरात विधानसभा अध्यक्ष
बिप्लब का बड़बोलापन
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब पिछले कुछ दिनों में कई विवादस्पद बयान दिए हैं. देब ने पिछले दिनों कहा था कि इंटरनेट और उपग्रह संचार महाभारत युग में मौजूद था. उसके बाद उन्होंने डायना हेडन के 1997 में विश्व सुंदरी बनने पर भी सवाल उठाया था.
देब ने यह भी कहा कि मैकेनिकल इंजीनियरों को सिविल सेवा में नहीं जाना चाहिए, बल्कि सिविल इंजीनियरों को जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षित युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए राजनीतिक दलों के चक्कर काटने के बदले पान की दुकान खोलने चाहिए.
देब ने युवाओं को डेयरी में करियर बनाने और गाय पालने के लिए भी कहा है.
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रूपाणी ने नारद को बताया पौराणिक काल का ‘गूगल’
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि गूगल को जैसे पूरी दुनिया के बारे में पता होता है, वैसे ही नारद को पूरी दुनिया के बारे में जानकारी होती थी.
रूपाणी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा:
“यह आज के दौर में साफ है कि नारद एक ऐसे शख्स थे, जिनके पास पूरी दुनिया की जानकारी थी. वह उन सूचनाओं पर काम करते थे. मानवता की भलाई के लिए उन सूचनाओं को इकट्ठा करना उनका धर्म था और इसकी काफी जरूरत थी.”
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आरएसएस की शाखा विश्व संवाद केंद्र की ओर से आयोजित 'देवर्षि नारद जयंती' कार्यक्रम में रूपाणी ने कहा, ''गूगल भी नारद की तरह खबर का एक सोर्स है, क्योंकि उसे दुनिया में हो रही सभी घटनाओं की जानकारी है.''
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सत्यपाल सिंह की मानें, तो बंदर हमारे पूर्वज नहीं
कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने भी विवादित बयान दिया था. उन्होंने दावा किया कि मानव के क्रमिक विकास का चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत ‘वैज्ञानिक रूप से गलत है'. उनके मुताबिक, हमारे किसी भी पूर्वज ने लिखित या मौखिक रूप में कपि को इंसान में बदलने का जिक्र नहीं किया था. डार्विनवाद जैविक विकास से संबंधित सिद्धांत है. उन्होंने स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में इसमें बदलाव की भी हिमायत की.
“इंसानों के विकास संबंधी चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक रूप से गलत है. स्कूल और कॉलेज पाठ्यक्रम में इसे बदलने की जरूरत है. इंसान जब से पृथ्वी पर देखा गया है, हमेशा इंसान ही रहा है’’सत्यपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री
सत्यपाल सिंह से पहले राजस्थान की बीजेपी सरकार के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा था कि गुरुत्वाकर्षण की खोज न्यूटन ने नहीं की थी, बल्कि 1000 साल पहले ब्रह्मभट्ट द्वितीय ने फिजिक्स का यह सिद्धांत खोज निकाला था.
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