हरियाणा में किंग मेकर की भूमिका अदा कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने वाले दुष्यंत चौटाला की पार्टी में अब हलचल शुरू हो चुकी है. बताया जा रहा है कि पार्टी के कुछ विधायक बगावत के मूड में हैं. पार्टी के विधायक और बड़े नेता रामकुमार गौतम ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है और साथ ही डिप्टी सीएम चौटाला पर जमकर निशाना साधा है. इन सभी खबरों के बीच दुष्यंत चौटाला का भी बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बातचीत से सब सुलझा लिया जाएगा.
पार्टी में फूट की खबरें सामने आने के बाद हरियाणा के डिप्टी सीएम और जेजेपी चीफ दुष्यंत चौटाला ने बातचीत का जिक्र करते हुए कहा,
“वो (रामकुमार गौतम) पार्टी के सीनियर नेता हैं. अगर उन्हें कोई भी शिकायत है तो वो आकर पार्टी के सदस्यों को बता सकते हैं. अभी तक हमें उनका इस्तीफा नहीं मिला है. पार्टी के सीनियर नेता उनसे बात करेंगे और पूरे मसले पर चर्चा करेंगे.”दुष्यंत चौटाला, डिप्टी सीएम हरियाणा
विधायक के डिप्टी सीएम पर गंभीर आरोप
बता दें कि नारनौंद सीट से पार्टी के सबसे वरिष्ठ विधायक राम कुमार गौतम ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने दुष्यंत चौटाला के 11 मंत्री पद अपने पास रखने को लेकर हमला बोलते हुए कहा है कि पार्टी में 9 और विधायक हैं जिनके दम पर वह उप मुख्यमंत्री बने हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अन्य विधायकों का भी खयाल करना चाहिए. सभी विधायक नाराज हैं.
इस बयान से माना जा रहा था कि राम कुमार गौतम ने मंत्री न बन पाने की नाराजगी में इस्तीफा दिया है. नवंबर में हुए पहले मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे प्रबल दावेदार होने के बावजूद राम कुमार मंत्री बनने से चूक गए थे. राम कुमार गौतम ने कहा था कि कानून (दल-बदल) के कारण वह पार्टी नहीं छोड़ रहे हैं. पार्टी छोड़ने पर विधायकी चली जाएगी. चूंकि लोगों ने उन्हें विधायक चुना है, वे इस नाते उनकी सेवा करते रहेंगे. राम कुमार गौतम ने हुड्डा के खिलाफ जेजेपी से उम्मीदवार खड़ा करने के दुष्यंत चौटाला के फैसले को लेकर भी सवाल खड़े किए.
विधायक राम कुमार को नहीं मिला था मंत्री पद
बता दें कि हरियाणा में बहुमत से चूकी भाजपा ने 27 अक्टूबर को दुष्यंत चौटाला की पार्टी से गठबंधन कर सरकार बनाई थी. फिर नवंबर में पहला कैबिनेट विस्तार होने से पहले सबसे वरिष्ठ विधायक और पार्टी के संस्थापक सदस्य राम कुमार गौतम का मंत्री बनना तय माना जा रहा था, सलेकिन 6 कैबिनेट और चार राज्य मंत्रियों की लिस्ट में उनका नाम नहीं रहा. जिसके बाद से राम कुमार खुद को पार्टी में उपेक्षित मान रहे थे.
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