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एसपी से कांग्रेस और अब चले बीएसपी? आखिर इमरान मसूद के साथ ये क्या हो रहा है?

माना जा रहा था कि मसूद के एसपी में आने से सहारनपुर क्षेत्र में पार्टी मजबूत होगी

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कांग्रेस (Congress) पार्टी को छोड़ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में शामिल हुए इमरान मसूद (Imran Masood) के साथ खेल हो गया. टिकट पाने की चाहत में उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था लेकिन उन्हें एसपी ने टिकट नहीं दिया.

एक वायरल वीडियो में वह ये कहते हुए सुनाई दिए, "मुसलमानों एक हो जाओ, तुम्हारी वजह से मुझे पैर पकड़ने पड़े, मेरा कुत्ता बना दिया, तुम एक हो जाओ तो वह मेरे पैर पकड़कर खुद टिकट देंगे."

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अब खबर है कि कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए इमरान मसूद एसपी को ही झटका देने की तैयारी में हैं. इमरान मसूद के समाजवादी पार्टी में आने से माना जा रहा था कि सहारनपुर क्षेत्र में पार्टी की छवि मजबूत होगी और इसका सीधा असर आने वाले चुनाव के नतीजों में देखने को भी मिलता.

लेकिन उनके समाजवादी पार्टी में शामिल होने के कुछ दिनों बाद अलग ही रुझान देखने को मिल रहे हैं. बताया जा रहा है कि टिकट की उम्मीद में लखनऊ आकर साइकिल पर सवार होने वाले इमरान मसूद को बैरंग लौटा दिया गया.

सूत्रों की मानें तो इमरान मसूद नकुड़ विधानसभा सीट से लड़ना चाहते थे लेकिन इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने बीजेपी छोड़कर एसपी का दामन थामने वाले धर्म सिंह सैनी को टिकट दे दिया है.

दरअसल सैनी ने इस विधानसभा क्षेत्र में दो बार इमरान मसूद को हराया है.

वहीं इमरान मसूद के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले मसूद अख्तर का भी कुछ ऐसा ही हाल है. मसूद अख्तर सहारनपुर देहात सीट से टिकट चाहते थे लेकिन इस सीट पर एसपी ने मुलायम सिंह के करीबी आशु मलिक को टिकट दिया है.

इमरान मसूद और उनके करीबियों के बदलते स्वर को देखकर एसपी ने उन्हें मनाने की कोशिश भी की थी. सूत्रों की मानें तो इन्हें एमएलसी से लेकर सरकार बनने पर अच्छा पद देने तक का ऑफर दिया गया लेकिन मसूद ने फिर से पार्टी बदलने का मन बना लिया है.

ऐसी स्थिति में इमरान मसूद और मसूद अख्तर या तो फिर वापस कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं या फिर बीएसपी का दामन थाम सकते हैं. इन दोनों नेताओं ने अपनी आगे की रणनीति को आधिकारिक तौर पर लोगों के बीच नहीं रखा है लेकिन सूत्रों का मानना है कि जल्द ही इस पर निर्णय होगा.

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इमरान केवल 2007 का ही चुनाव जीत पाए

इमरान मसूद के राजनीतिक सफर पर नजर डालें तो साल 2007 ही इमरान मसूद के लिए बढ़िया साल रहा क्योंकि तब उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पहली बार मुजफ्फराबाद जो अब बेहट सीट है, पर विधानसभा चुनाव जीता था.

लेकिन इसके बाद उन्हें हमेशा हार का सामना करना पड़ा. 2012 और 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में इमरान ने सहारनपुर की नकुड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था जिसमें वो हार गए थे.

2008-2009 में इमरान उत्तर प्रदेश विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के सदस्य भी रहे. वहीं 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भी वह हार गए. 2014 में सहारनपुर लोकसभा सीट से बीजेपी जबकि 2019 में बीएसपी ने इमरान मसूद को हराया था.

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