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कश्मीर में डेलीगेशन और बोर्ड परीक्षा साथ होना इत्तेफाक नहीं:मुफ्ती

मुफ्ती ने 60 हजार छात्रों की परीक्षा और विदेशी दल के दौरे पर उठाए सवाल

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यूरोपियन यूनियन का एक डेलीगेशन कश्मीर के लिए रवाना हो चुका है. पिछले 2 महीने से ज्यादा वक्त से कश्मीर की हालत को लेकर काफी बवाल मचा है. बताया जा रहा है कि वहां अब तक सब कुछ सामान्य नहीं हुआ है. इसी बहस के बीच विदेशी डेलीगेशन वहां पहुंच रहा है. लेकिन विपक्षी दलों ने इस पर बीजेपी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

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राहुल गांधी के बाद अब पीडीपी अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने मोदी सरकार को घेरा है. मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि कश्मीर में सब कुछ सामान्य दिखाने के लिए यूरोपियन यूनियन को यहां लाया जा रहा है. महबूबा ने ट्वीट कर लिखा,

“इसमें कोई भी इत्तेफाक नहीं है कि यूरोपियन सांसदों का कश्मीर दौरा लगभग 60 हजार स्टूडेंट्स की बोर्ड परीक्षा के साथ हो रहा है. इन सभी छात्रों के पास परीक्षा देने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है. ये उन्हें नाटकीय तरीके से विश्वास दिलाने के लिए है कि सब कुछ सामान्य है.”
महबूबा मुफ्ती, पीडीपी अध्यक्ष

राहुल गांधी बोले- कुछ तो गड़बड़ है

विदेशी डेलीगेशन को कश्मीर जाने की इजाजत दिए जाने के बाद इस दौरे पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसे लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने ट्विटर पर लिखा,

“जम्मू-कश्मीर के गाइडेड टूर पर यूरोपीय सांसदों का स्वागत किया जा रहा है, जबकि भारतीय सांसदों पर प्रतिबंध है और उनकी एंट्री पर रोक है. इस सबमें कुछ बेदह गलत है.’’

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कौन हैं प्रतिनिधिमंडल के सदस्य

यूरोपीय संघ के इस 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल ज्यादातर नेता अपने-अपने देश की राइट विंग पार्टियों के सदस्य हैं. फ्रांस के 6 सांसद ले पेन की नेशनल फ्रंट से हैं, जबकि पोलैंड के 6 सांसद भी सत्तारूढ़ दक्षिणपंथी धड़े से ही हैं. प्रतिनिधिमंडल के सिर्फ 2 सदस्य गैर दक्षिणपंथी पार्टियों से हैं.

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