पश्चिम बंगाल (West Bengal) में टीएमसी(TMC) ने लोकसभा चुनाव के लिए सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. लिस्ट आने के बाद से कई नाम चर्चा का विषय बने हुए हैं. जहां कई चेहरे नये हैं वहीं कुछ ऐसे भी चेहरे हैं जिनके आमने-सामने चुनाव लड़ने से हलचल मची हुई है. बीजेपी (BJP) ने Loksabha election 2024 (बांकुरा) लोकसभा सीट से अपने सिटिंग एमपी सौमित्र खान को टिकट दिया है वहीं टीएमसी ने 10 मार्च को जारी अपनी लिस्ट में इस सीट से सुजाता मण्डल को टिकट दिया है. सौमित्र और सुजाता पूर्व पति-पत्नी हैं जिन्होंने अपने राजनीतिक मतभेदों के चलते 2021 में अपने रास्ते अलहदा कर लिए थे.
कौन हैं सौमित्र खान?
सौमित्र खान ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कांग्रेस के साथ की थी. 2011 में वो कांग्रेस के टिकट से कातुलपुर विधानसभा सीट से चुनाव भी जीते थे. इसके बाद साल 2014 में इन्होंने टीएमसी का दामन थाम लिया. टीएमसी के टिकट पर 2014 में बिष्णुपुर सीट से लगातार 2 बार की सांसद CPI(M) की सुस्मिता बाउरी को हरा कर ये सीट जीती थी. साल 2019 में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले खान ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली और इस सीट से बीजेपी(BJP) के लिए जीत दर्ज की. खान के करीबी को पुलिस ने गैरकानूनी हथियार की खरीद फरोख्त के मामले में गिरफ्तार किया था जिसके बाद खान ने टीएमसी का साथ छोड़ दिया था. बीजेपी ने इस साल भी खान को इस सीट से टिकट दिया है.
कौन हैं सुजाता मंडल ?
सुजाता मंडल टीएमसी की नेता हैं. सुजाता ने दिसंबर 2020 में टीएमसी ज्वॉइन की थी. सुजाता ने टीएमसी(TMC) के टिकट से साल 2021 में आरामबाग विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा लेकिन वो ये चुनाव बीजेपी के मधुसूदन बाग से हार गई. इसके बाद सुजाता ने ज्वॉयपुर पंचायत समिति, बिष्णुपुर से चुनाव लड़ा और अब मत्स्य कर्माध्यक्ष हैं.
2021 में सुजाता को जब टीएमसी ने टिकट दिया तभी बहुत नाटकीय तरीके से टीवी पर आकर सौमित्र खान ने कहा कि सुजाता को अब अपने नाम के साथ 'खान' नहीं लगाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि वो सुजाता को तलाक का नोटिस भेजेंगे और अपने रास्ते पूरी तरह से अलग करेंगे.
टीएमसी ने कल यानी 10 मार्च को जारी अपनी लिस्ट में बिष्णुपुर सीट से सुजाता मंडल को टिकट दिया है.
बिष्णुपुर सीट का इतिहास क्या रहा है?
बिष्णुपुर सीट पश्चिम बंगाल के जिला बांकुरा, जंगलपुर क्षेत्र में आती है. ये एक SC सीट है. इस सीट पर 2004 से 2014 तक CPI(M) की सुस्मिता बाउरी सांसद रही हैं. साल 2014 में इस सीट से टीएमसी के सौमित्र खान ने जीत हासिल की लेकिन साल 2019 में चुनाव के ठीक पहले खान के बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद ये सीट बीजेपी के हिस्से में चली गई.
चाणक्य की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2011 की जनगणना में ये पता चलता है कि विष्णुपुर के कुल वोटर्स का लगभग 37.1% हिस्सा SC कैटेगरी है. इसके बाद सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम आबादी है (लगभग 13.6%). विष्णुपुर सीट के कुल मतदाताओं में करीब 93.7% आबादी ग्रामीण है.
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