पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने बीजेपी के डबल इंजन वाले मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि यह बिल्कुल फेल हो चुका है. बीजेपी वोट मांगने के लिए हर बार डबल इंजन सरकार की बात करती है. उन्होंने महाराष्ट्र को आर्थिक सुस्ती से सबसे ज्यादा प्रभावित बताया.
मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने पीएमसी बैंक का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पीड़ितो की मदद के लिए पीएम रिलीफ फंड का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. खास तौर पर उन लोगों को राहत देनी चाहिए जिनका इलाज इसकी वजह से प्रभावित हुआ है.
महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या
मनमोहन सिंह ने महाराष्ट्र में किसानों की हत्या का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, "एक वक्त था जब निवेश आकर्षित करने में महाराष्ट्र पहले नंबर पर था. आज ये राज्य किसान आत्महत्याओं में सबसे आगे है. कृषि आय दोगुनी करने के वादे के बावजूद, महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में संकट कम होने के आसार नहीं हैं. महाराष्ट्र को गंभीर आर्थिक मंदी के कुछ बुरे प्रभावों का सामना करना पड़ा है. लगातार 4 सालों से महाराष्ट्र की विनिर्माण विकास दर घट रही है. पिछले 5 वर्षों में महाराष्ट्र सबसे ज्यादा फैक्ट्रियों के बंद होने का गवाह रहा है." मनमोहन सिंह ने आगे कहा-
“हाल के दिनों में, महाराष्ट्र देशभर से प्रतिभाओं को आकर्षित करता था. आज इस स्थिति में अवसरों की कमी है. शहरी क्षेत्रों में, हर तीसरा युवा बेरोजगार है. पढ़े-लिखे लोग बेरोजगारी की उच्च दर का सामना कर रहे हैं.”
कारणों का पता लगाए सरकार
मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को लेकर इसके कारणों का पता लगाने की कोशिश करे. उन्होंने कहा, "मुझे भारत के सबसे बड़े ऑटो विनिर्माण केंद्र पुणे के ऑटो हब में फैली निराशा के बारे में बताया गया. इसी तरह की समस्याएं नासिक, औरंगाबाद, नागपुर और अमरावती को प्रभावित कर रही हैं, जो कभी सक्रिय औद्योगिक क्षेत्र थे. मैंने वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन का एक बयान देखा है, मैं उस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, लेकिन मैं केवल यह बता सकता हूं कि अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए बीमारियों और उनके कारणों का सही निदान करने की आवश्यकता होगी."
मनमोहन सिंह ने बीजेपी को नसीहत देते हुए कहा कि हमेशा यूपीए सरकार पर ठीकरा फोड़ना सही नहीं है. उन्होंने कहा, अगर हमारी सरकार में कुछ कमजोरियां थीं तो उन कमजोरियों से बीजेपी सरकार को सीखना चाहिए. हर साल ये कहकर नहीं बचा जा सकता है कि ये यूपीए की देन है.
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