एक तरफ जहां NRC की चर्चा और इस पर मचा बवाल खत्म नहीं हुआ था, वहीं केंद्र सरकार NPR यानी राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर लेकर आने की पूरी तैयारी कर चुकी है. गृहमंत्री अमित शाह ने अपने इंटरव्यू में साफ कहा कि NPR और NRC का कोई संबंध नहीं है. लेकिन शाह का ये दावा उनके ही गृहमंत्रालय की एक रिपोर्ट खारिज करती है. जिसमें साफ तौर पर लिखा गया है कि एनपीआर एनआरसी लागू करने की दिशा में उठाया गया पहला कदम होगा.
गृहमंत्रालय की साल 2018-2019 की एनुअल रिपोर्ट में कुछ ऐसा लिखा है, जो गृहमंत्री अमित शाह के बयान का ठीक उलटा है. इस रिपोर्ट में लिखा गया है,
“नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR), नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन (NRC) को कानून के प्रावधानों के तहत लागू करने की दिशा में पहला कदम होगा.”
अमित शाह बोले- कोई लेनादेना नहीं
अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एनएनआई को दिए गए इंटरव्यू में साफ कहा कि NRC और NPR का एक दूसरे के साथ कोई भी संबंध नहीं है. उन्होंने कहा,
"NRC और NPR में कोई लिंक नहीं है, मैं आज ये कह रहा हूं. NPR का गलत प्रचार करने वाले लोग गरीबों का नुकसान कर रहे हैं. NPR हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा नहीं है. ये यूपीए सरकार की योजना है, जिसे हम लागू कर रहे हैं. NPR से अल्पसंख्यकों को डरने की जरूरत नहीं है. ये संभव है कि NPR में कुछ नाम छूट जाएं, फिर भी उनकी नागरिकता रद्द नहीं की जाएगी क्योंकि यह NRC की प्रक्रिया नहीं है. NRC एक अलग प्रक्रिया है. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि एनपीआर की वजह से किसी की नागरिकता नहीं जाएगी."
बता दें कि अमित शाह और सरकार के बयानों पर अब विपक्ष भी हमलावर हो चुका है. कांग्रेस ने भी केंद्रीय गृहमंत्रालय की इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए गृहमंत्री पर निशाना साधा है और पूछा है कि आखिर झूठ कौन बोल रहा है?
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