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NCP को दरकिनार कर कांग्रेस से गठबंधन की फिराक में प्रकाश अंबेडकर?

प्रकाश अंबेडकर ने एक चिट्ठी लिखकर कांग्रेस-एनसीपी को बड़ा झटका दिया है

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में प्रकाश अंबेडकर की पार्टी के साथ हाथ मिलाने के लिए बेकरार कांग्रेस-एनसीपी को प्रकाश अंबेडकर ने एक चिट्ठी लिखकर बड़ा झटका दिया है. प्रकाश अंबेडकर ने कांग्रेस नेताओं को लिखी चिट्ठी में सवाल पूछा है कि लोकसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) को बीजेपी की 'बी टीम' करार दिया था, ऐसे में अब विधानसभा चुनाव में हमारे साथ गठबंधन क्यों?

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दरअसल कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आदेश के बाद कांग्रेस नेताओं ने अंबेडकर से चुनाव में गठबंधन की मांग की थी. कांग्रेस पार्टी के नेताओं का मानना है कि एक जैसे विचारों वाली पार्टी अगर विधानसभा चुनाव में साथ रही, तो वोटों का बंटवारा नहीं होगा.

VBA इन और NCP आउट, ऐसा चाहते हैं अंबेडकर?

अंबेडकर ने अपनी चिट्ठी में कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष बनने पर बालासाहब थोराट को बधाई देते उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं भी दी हैं. कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, इसी पत्र में प्रकाश अंबेडकर ने कांग्रेस नेताओं के सामने एनसीपी को गठबंधन से दूर कर वंचित बहुजन अघाड़ी के साथ आने की मांग रख कांग्रेस की दुविधा और बढ़ा दी है. लेकिन सवाल ये है कि प्रकाश अंबेडकर एनसीपी को क्यों दूर रखना चाहते हैं?

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के समय-समय पर लिए गए निर्णयों से अंबेडकर खफा बताए जाते हैं. शरद पवार एनसीपी खुद को सेकुलर पार्टी बताती है, लेकिन उनके ‘खाने के’ और ‘दिखाने के दांत’ अलग हैं, ऐसा आरोप अंबेडकर पहले भी लगा चुके हैं.

प्रकाश अंबेडकर लोकसभा चुनाव के वक्त ये सवाल एनसीपी से पूछ चुके हैं कि अगर वो सेक्‍युलर पार्टी है, तो उन्होंने 2014 में बिना मांगे क्यों महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार को बाहर से समर्थन का ऐलान किया था?

VBA का साथ क्यों जरूरी है?

लोकसभा चुनाव में अंबेडकर ने गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेस सरकार बनाने के लिए चुनाव प्रचार किया था. इसकी वजह से कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था.

आंकड़ों के मुताबिक, राज्य की करीबन 10 लोकसभा सीटों पर वंचित बहुजन अघाड़ी के उम्मीदवारों को 1 लाख से ज्यादा वोट मिले. इसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा.

नांदेड़ जो कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट मानी जाती थी, वह भी VBA के यशपाल भिंगड़े को 1.60 लाख वोट मिले, जिसकी वजह से अशोक चव्हाण को हार का सामना करना पड़ा. पूर्व सीएम सुशील कुमार शिंदे को भी VBA ने बड़ा झटका दिया. शायद यही वजह है कि कांग्रेस विधानसभा चुनाव में वोटों का बंटवारा नहीं चाहती.

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