राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो चुकी है. अब राहुल गांधी ने पार्टी सांसदों और यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को साफ शब्दों में कहा है कि वो अध्यक्ष पद पर नहीं रहेंगे.
बुधवार को सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी सांसदों ने राहुल गांधी को मनाने की अंतिम कोशिश की, लेकिन राहुल अपने फैसले पर कायम रहे और कहा कि वह अध्यक्ष पद से इस्तीफा देंगे.
नहीं मानी पार्टी सांसदों की बात
न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने राहुल गांधी को एक बार फिर अपने फैसले पर विचार करने को कहा. कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी से कहा कि हार की जिम्मेदारी पूरी पार्टी की है, वो खुद इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं. सभी 51 सांसदों ने भी उनसे यही बात कही, लेकिन राहुल गांधी ने किसी की नहीं मानी.
कभी भी दे सकते हैं इस्तीफा
राहुल गांधी को मनाने की अंतिम कोशिश नाकाम रहने के बाद अब वो किसी भी वक्त अपने इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं. हालांकि पार्टी नेता उनसे नए अध्यक्ष चुने जाने तक पद पर बने रहने की बात कह चुके हैं.
कांग्रेस सांसदों और बड़े नेताओं की इस बैठक के बाद अब नए अध्यक्ष को लेकर भी कवायद शुरू हो चुकी है. राहुल गांधी इतना तो साफ कर चुके हैं कि अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होगा, इसीलिए अब विकल्पों की तलाश हो रही है. हाल ही में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत का नाम अध्यक्ष पद के लिए सामने आया था.
समर्थक दे रहे धरना
एक बार फिर राहुल गांधी के इस्तीफे की खबर सुनते ही उनके समर्थकों ने धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. राहुल गांधी के आवास के बाहर उनके कई समर्थक जुटे हैं और उनसे अपना फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
हाथों में पोस्टर और बैनर लिए समर्थकों का कहना है कि पार्टी और देश को राहुल गांधी की जरूरत है, इसीलिए उनका इस्तीफा देना सही नहीं है.
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