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रिमोट से नहीं, अब खुद सरकार चलाएंगे उद्धव, 28 नवंबर को शपथ

28 नवंबर को मुंबई के शिवाजी पार्क में होगा शपथ ग्रहण 

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महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन ‘महाराष्ट्र विकास अघाड़ी’ की सरकार का शपथ ग्रहण 28 नवंबर, 2019 को मुंबई के शिवाजी पार्क में होगा. शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन को महाराष्ट्र विकास अघाड़ी नाम दिया गया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को इस गठबंधन का नेता चुना गया है.

बता दें, मंगलवार को देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के साथ ही राज्य में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया था.

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उद्धव को सर्वसम्मति से चुनाव गया महा विकास अघाड़ी का नेता

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने तीनों पार्टियों की संयुक्त बैठक में ‘महाराष्ट्र विकास अघाड़ी’ के नेता के रूप में उद्धव ठाकरे के नाम का प्रस्ताव किया. इस प्रस्ताव पर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के सभी विधायकों ने सहमति जताई.

उद्धव ठाकरे सर्वसम्मति से महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का नेता चुना गया. अब वह महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे.

एनसीपी नेता जयंत पाटील ने कहा, ‘हम सभी चाहते हैं कि उद्धव बालासाहेब ठाकरे मुख्यमंत्री के रूप में हमारे गठबंधन का नेतृत्व करें.’

आज बालासाहेब ठाकरे होते तो बहुत खुश होते: पवार

महा विकास अघाड़ी के नेता के तौर पर उद्धव ठाकरे के नाम का प्रस्ताव पास होने के बाद एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा- राज्य में बदलाव की जरूरत थी. उन्होंने कहा, ‘उद्धव ठाकरे को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है.

बालासाहेब ठाकरे का जिक्र करते हुए शरद पवार ने कहा, ‘बालासाहेब काफी हाजिर जवाब थे. अगर आज वह होते तो बहुत ज्यादा खुश होते.’

पवार ने बताया कि महा विकास अघाड़ी के तीन प्रतिनिधि आज मंगलवार को राज्यपाल से मिलेंगे और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.

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उद्धव ने शरद पवार और सोनिया को कहा धन्यवाद

महा विकास अघाड़ी का नेता चुने जाने पर उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी और एनसीपी चीफ शरद पवार का आभार जताया. उन्होंने कहा, ‘आप लोगों ने मुझे अपना नेता चुना है. हम सब एक परिवार की तरह काम करेंगे. आम आदमी को लगना चाहिए कि यह उसकी सरकार है.’

उद्धव ने कहा, ‘कभी सोचा नहीं था कि मैं सीएम बनूंगा. संघर्ष के समय बालासाहेब की बहुत याद आती है.’

उद्धव ने दिए पीएम मोदी से मुलाकात के संकेत

इस दौरान उद्धव ठाकरे ने शपथ ग्रहण के बाद पीएम मोदी से मुलाकात करने जाने के भी संकेत दिए. उद्धव ने बीजेपी पर चुटकी लेते हुए कहा-

सरकार बनने के बाद बड़े भाई को मिलने के लिए दिल्ली जाने वाला हूं. देवेंद्र फडणवीस के प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लगा कि यह रिश्ता अब नहीं रहना चाहिए.  

बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए शिवसेना चीफ ने कहा कि विपरीत विचारधारा वाले लोगों ने उन पर भरोसा कर लिया, लेकिन समान विचारधारा वालों ने नहीं किया. उन्होंने कहा, 'विपरीत विचारधारा वाले लोगों ने मुझ पर भरोसा कर लिया लेकिन जिन समान विचारधारा वाले लोगों के साथ मैं तीस सालों से था, उन्होंने मुझ पर भरोसा नहीं किया.'

विचारधारा से नहीं किया कोई समझौताः उद्धव

उद्धव ठाकरे ने इस दौरान यह भी स्पष्ट करने की कोशिश की कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर उनकी पार्टी ने हिंदुत्व की विचारधारा से समझौता नहीं किया है. उन्होंने कहा-

‘मेरे हिन्दुत्व में किसी तरह का झूठापन नहीं है. वे कह रहे हैं कि हमने शिवसेना के आदर्शों का उल्लंघन किया लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि उनको पालकी में बिठाने के लिए शिवसेना की स्थापना नहीं हुई थी.’  

ठाकरे ने कहा, ‘महाराष्ट्र में किसानों की हालत खराब है, हम इस पर काम करेंगे. मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं अकेला सीएम नहीं हूं बल्कि आप सभी सीएम होंगे.’

उन्होंने कहा, ‘आज जो हुआ है वह वास्तविक लोकतंत्र है. हम सब मिलकर राज्य में किसानों के आंसू पोंछेंगे.’

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अब रिमोट से नहीं, खुद सरकार चलाएंगे उद्धव

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने परिवार के पहले ऐसे व्यक्ति होंगे, जो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनेंगे. उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के संयुक्त गठबंधन महा विकास अघाड़ी का नेतृत्व करने जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे को छह महीने के भीतर विधानसभा या विधान परिषद का चुनाव लड़कर जीतना होगा. उद्धव ने आज तक कभी चुनाव नहीं लड़ा है और वह दोनों में से किसी सदन के सदस्य नहीं हैं.

बता दें, इस विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने वर्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. आदित्य, ठाकरे परिवार के पहले ऐसे सदस्य हैं, जिन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और जीता. इससे पहले तक ठाकरे परिवार से किसी ने चुनाव भी नहीं लड़ा था. लेकिन सत्ता में उनकी सक्रिय भागीदारी रहती थी.

बीजेपी के साथ गठबंधन में शिवसेना भले ही जूनियर पार्टनर के तौर पर थी, लेकिन सरकार में उसका पूरा दखल था. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि इस पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे रिमोट से नहीं, खुद सरकार चलाएंगे.

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