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प्रियंका से मिले सोनभद्र पीड़ितों की आपबीती-इलाज के मांग रहे पैसे

प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद पीड़ितों ने बताई कहानी

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यूपी के सोनभद्र में हुए नरसंहार में अब पीड़ितों के परिवार ने बड़ा खुलासा किया है. किसी तरह यूपी प्रशासन की नजरों से छिपकर प्रियंका गांधी से मिलने मिर्जापुर के चुनार पहुंचे परिजनों ने योगी सरकार की पोल खोलकर रख दी. पीड़ितों के परिजनों ने इस खौफनाक मंजर की पूरी कहानी बताई और कहा कि प्रशासन की तरफ से उन्हें किसी भी तरह की मदद नहीं मिली.

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एक तरफ जहां योगी सरकार सोनभद्र मामले की जांच करने की बात कह रही है, वहीं पीड़ितों के परिजनों का कहना है कि उनकी मदद तो दूर इलाज तक के लिए पैसे मांगे गए. परिजनों ने आरोप लगाया कि जब घायलों को इलाज के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया तो वहां डॉक्टरों ने बेडशीट के पैसे मांगे. बनारस में डॉक्टरों ने कहा कि अगर पैसा दोगे तभी इलाज होगा.

प्रशासन पर गंभीर आरोप

प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे पहले ही इस घटना के बारे में बता दिया गया था. उन्होंने कहा, पूरा जिला प्रशासन जानता था कि ऐसी कोई घटना होने वाली है. सभी अधिकारी उनके दबाव में थे. घटना की सुबह जब पुलिस को बताया गया कि कई लोग जमीन पर कब्जा करने यहां आ रहे हैं तो पुलिस ने कहा कि जब तक हम लोग नहीं कहेंगे तब तक वहां कोई भी नहीं जाएगा. पुलिस को मौके पर आने को कहा गया, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.

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ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव के लगभग 90 से ज्यादा लोगों पर कई मुकदमे दर्ज कराए गए हैं. किसी भी फर्जी मुकदमें में गांव वालों को फंसा दिया जाता है. कई लोगों पर तो गुंडा एक्ट भी लगा दिया गया है. जिन्हें कोर्ट के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
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गोली लगने के बाद भी ईंट से कर रहे थे हमला

सोनभद्र नरसंहार पीड़ितों के परिजनों ने पूरी घटना के बारे में भी मीडिया को बताया. उन्होंने बताया कि कैसे उनके रिश्तेदारों को मौत के घाट उतार दिया गया. उन्होंने बताया, 17 तारीख को सुबह 11 बजे विवादित जमीन पर प्रधान के साथ लगभग 200 से ज्यादा लोग पहुंचे. जिनमें से 14-15 लोगों के हाथों में बंदूकें थीं. बाकी लोगों ने लाठियां पकड़ी हुई थीं. जैसे ही वो जमीन जोतने लगे तो गांव वाले वहां पहुंच गए. हमने सोचा कि बातचीत करेंगे. लेकिन हमारे वहां पहुंचते ही ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं, लाठियों से गांव वालों को पीटा गया. घटना के एक घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची, तब तक कई लाशें बिछ चुकी थीं.

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प्रियंका गांधी ने पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात के बाद कहा, बिना हथियार के निहत्थे गांव वालों पर हमला बोला गया. उनके पास बंदूके थीं, पहले लाठी चलाईं फिर गोली मारने लगे. जिन पर गोली लगी थी और जमीन पर लेटे थे, उन्हें भी डंडों से मारते रहे. कई बच्चे ऐसे भी हैं जिनके माता-पिता की हत्या कर दी गई है. प्रियंका गांधी ने कहा कि पीड़ितों की सभी मांगे मानी जानी चाहिए. उनकी मांग है कि-

  • हर परिवार को 25 लाख का अनुदान मिलना चाहिए
  • पुश्तों से जिस जमीन को जोत रहे हैं उसका मालिकाना हक मिलना चाहिए
  • इनका केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलना चाहिए, जिससे जल्दी इंसाफ मिल सके
  • गांव वालों पर फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं
  • जो लोग सामने आकर अपनी बात रख रहे हैं उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए

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