प्रवासी मजदूरों की बेहिसाब मदद कर सुर्खियों में आए सोनू सूद ने 7 जून को मातोश्री में सीएम उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे से मुलाकात की. इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है. हालांकि, इस मुलाकात की टाइमिंग को लेकर कयास जरूर लगाए जा सकते हैं. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत की आलोचना के ठीक बाद ये भेंट की गई है.
इस मुलाकात के बारे में संजय राउत ने कुछ इस तरह ट्विटर पर लिखा-
आखिर सोनू सूद महाशय को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से घर का पता मिल गया है. मातोश्री पहुंच चुके हैं जय महाराष्ट्र!
दरअसल, संजय राउत ने सोनू सूद पर निशाना साधते हुए अपने कॉलम 'रोकठोक' में लिखा था,
‘लॉकडाउन के दौरान आचानक सोनू सूद नाम से नया महात्मा तैयार हो गया. एक झटके में कितनी चतुराई के साथ किसी को महात्मा बनाया जा सकता है? कहा जा रहा है कि सोनू सूद ने लाखों प्रवासी मजदूरों को दूसरे राज्यों में उनके घर पहुंचाया. मतलब केंद्र और राज्य सरकार ने कुछ भी नहीं किया. इस काम के लिए महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी महात्मा सूद को शाबाशी भी दी.’संजय राउत
सोनू सूद का चेहरा आगे कर हो रही पॉलिटिक्स: राउत
राउत ने कहा, सोनू सूद का चेहरा आगे करके महाराष्ट्र के कुछ राजनीतिक तत्व ठाकरे सरकार को नाकाम सिद्ध करने की कोशिश कर रहे है. बीजेपी के कुछ लोग सोनू सूद को आगे कर प्रवासी उत्तर भारतीय मजदूरों में घुसने की कोशिश में हैं. सोनू सूद एक अभिनेता है. पैसे लेकर जो चाहे वो समाज मे बोलना और अभिनय करना यही उनका पेशा है. संजय राउत ने सोनू सूद की राजनीतिक महत्वकांक्षा पर सवाल उठाते हुए कहा, "सोनू सूद की अगली राजनीतिक फिल्म कौन सी होगी?इसका खुलासा जल्द होगा!
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