कर्नाटक के बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी बागी विधायकों को चुनाव लड़ने का अधिकार दे दिया है. कांग्रेस और जेडीएस विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्य घोषित कर दिया था, जिसके बाद उनका राजनीतिक भविष्य खतरे में था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन विधायकों की अयोग्यता अनिश्चितकाल तक के लिए नहीं हो सकती है. इसलिए वो उपचुनाव में बतौर उम्मीदवार चुनाव लड़ सकते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को चुनाव लड़ने की इजाजत देने के अलावा उनके मंत्री बनने को लेकर भी रास्ता साफ कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बागी विधायक अगर उपचुनाव में जीतकर आते हैं तो वो मंत्री बन सकते हैं.
बता दें कि कुमारस्वामी सरकार से अचानक 17 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिर गई. वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने इन बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया. जिसके बाद इस फैसले को विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. बता दें कि कर्नाटक में खाली हुई सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होने हैं.
विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने पर उनके राजनीतिक करियर पर सवाल खड़े हो गए थे. अगर विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलती तो उन्हें अगले विधानसभा चुनाव तक इंतजार करना पड़ता. आर्टिकल 164-1(बी) के प्रावधान में इसे कुछ इस तरह बताया गया है-
“किसी भी राजनीतिक पार्टी का विधानसभा या विधान परिषद का कोई सदस्य, जिसे 10वीं अनुसूची के दूसरे पैराग्राफ के तहत सदन के सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहरा दिया गया हो, वह मंत्री बनने के लिए भी तब तक अयोग्य होगा, जब तक कि उसकी सदस्यता का कार्यकाल पूरा ना हो जाए या वह सदन में दोबारा चुनकर ना आ जाए.’’
बता दें कि कर्नाटक के तत्कालीन विधानसबा स्पीकर ने बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के साथ कहा था कि अगले पांच साल तक विधायकों को चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होगा.
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