बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा (BPSC 67th Combined Preliminary Examination) के पेपर लीक मामले का खुलासा हो गया है. आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने रविवार को पेपर लीक में शामिल गिरोह का पर्दाफाश किया है. जानकारी के मुताबिक गिरोह का कंट्रोल रूम पटना के कदमकुआं थाना अंतर्गत लोहानीपुर इलाके के एक मकान में था. जांच टीम ने गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार भी किया है.
पेपर लीक गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार
BPSC पेपर लीक की पूरी साजिश पटना से रची गई थी. आर्थिक अपराध इकाई की जांच में इसका खुलासा हुआ है. गिरफ्तार आरोपियों में कृषि विभाग में सहायक राजेश कुमार (39 वर्ष), वैशाली के देसरी हाई स्कूल में शिक्षक कृष्ण मोहन सिंह (41 वर्ष), जगदेव पथ का रहने वाला निशिकांत कुमार राय (33 वर्ष) और औरंगाबाद के अम्बा का सुधीर कुमार सिंह (40 वर्ष) शामिल है. पेपर लीक के साथ इसे वायरल करने और छात्रों को साल्व प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराने में भी इनकी भूमिका सामने आई है.
EOU के ADG नैयर हसनैन खान ने चारों आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि इस मामले में मास्टरमाइंड समेत अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. अनुसंधान जारी है.
भारी मात्रा में अत्याधुनिक उपकरण जब्त
गिरफ्तार अभियुक्तों की निशानदेही पर जांच दल ने पटना में दो ठिकानों पर छापेमारी की. जहां से लैपटाप, ब्लूटूथ, पेन कैमरा समेत कई अत्याधुनिक उपकरण बरामद किए हैं. जांच में सामने आया है कि इन उपकरणों का इस्तेमाल BPSC परीक्षा में अनियमितता के लिए किया गया था.
पेपर लीक होने के बाद परीक्षा रद्द
आपको बता दें, 8 मई को BPSC की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा (BPSC 67th Combined Preliminary Examination) का पेपर लीक हो गया था. परीक्षा शुरू होने के पहले ही कई टेलीग्राम ग्रुप पर प्री का पेपर वायरल हो चुका था. जिसके बाद बाद आयोग ने परीक्षा को रद्द (BPSC Prelims Paper Cancelled) कर दिया था.
इनपुट- तनवीर
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